‘शराबनोशीे से रोकने के लिए’ ‘हिमाचल की एक ग्राम पंचायत का सही कदम’
punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2024 - 05:41 AM (IST)
आज समूचे देश में शराब और अन्य नशों का सेवन लगातार बढ़ रहा है तथा उसी अनुपात में अपराध भी बढ़ रहे हैं। शराब के सेवन से बड़ी संख्या में महिलाओं के सुहाग उजड़ रहे हैं, बच्चे अनाथ हो रहे हैं और देश की युवा पीढ़ी को नशों का घुन खोखला कर रहा है। हालांकि विवाह एक पवित्र धार्मिक संस्कार और यज्ञ के समान है जिसमें शराब पीना सरासर अनुचित है लेकिन इसके बावजूद लोग शादी-विवाहों तक में बारातियों को शराब परोस रहे हैं।
शराब के दुष्प्रभावों को देखते हुए ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पराधीनता के युग में घोषणा की थी, ‘‘यदि भारत का शासन आधे घंटे के लिए भी मेरे हाथ में आ जाए तो मैं शराब की सभी डिस्टिलरियों और दुकानों को बिना मुआवजा दिए ही बंद कर दूंगा।’’ विवाहों में शराब व अन्य नशे परोसने की बुराई से दूरी बनाते हुए हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर की ‘लम्बलु’ पंचायत के प्रधान करतार सिंह चौहान की अध्यक्षता में गत दिवस हुई बैठक में गांव को नशे की बुराई से मुक्त करने के लिए विवाह-शादियों पर शराब तथा अन्य नशीले पदार्थ न परोसने वाले परिवारों, विशेषकर महिलाओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है।
अपने जन कल्याणकारी कार्यों के लिए पहले भी प्रशंसा प्राप्त कर चुकी यह पंचायत धूम्रपान करने या शराब पीने वालों को सजा देने जैसे निर्णय ले चुकी है। श्री चौहान ने इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करने के लिए अपने गांव की महिलाओं का आभार व्यक्त किया है। शराब और नशों की बुराई को समाप्त करने में ‘लम्बलु’ ग्राम पंचायत का उक्त निर्णय प्रशंसनीय है। यदि अन्य ग्राम पंचायतें भी इसी प्रकार के जन कल्याणकारी निर्णय लेने लगें तो नशे की बुराई समाप्त करने में काफी सफलता मिल सकती है। -विजय कुमार