चंद अध्यापक दागदार कर रहे शिक्षण व्यवसाय को

Thursday, Sep 22, 2016 - 02:03 AM (IST)

समय बीतने के साथ-साथ उच्च आदर्शों और मर्यादाओं को तार-तार किया जा रहा है। अध्यापक वर्ग भी इसका अपवाद नहीं। छात्रों के जीवन को ज्ञान के उजाले से रौशन करने वाले चंद अध्यापक आज अपने छात्र-छात्राओं पर ही तरह-तरह के अत्याचार करके उनके जीवन को अंधकारमय बना रहे हैं : 

* 12 अगस्त को दिल्ली में अमन विहार स्थित एम.सी.डी. स्कूल में पांचवींं कक्षा की छात्रा से उसके अध्यापक ने छेड़छाड़ की और जब उसके पिता ने पुलिस में शिकायत लिखवाने की कोशिश की तो अध्यापक ने अपने साथियों के साथ मिल कर उसे पीटा।

* 01 सितम्बर को उत्तर प्रदेश में गोंडा के एक स्कूल में एक छात्र की उत्तर पुस्तिका जांचने के दौरान अध्यापक ने गुस्से में  आकर पहले तो बच्चे का कान मरोड़ा, फिर उसे जमीन पर पटक कर उस पर लातें बरसानी शुरू कर दीं और जब इतने से भी उसका क्रोध शांत न हुआ तो उसने बच्चे को खड़ा करके थप्पड़ मारने शुरू कर दिए जिससे वह अवसाद में चला गया।  

* 01 सितम्बर को ही आगरा के निकट सरकारी स्कूल, नगला छरी में एक अध्यापक ने छठी कक्षा के एक छात्र को पानी लाने के लिए कहा। छात्र द्वारा रास्ते में कुत्तों के डर से मना कर देने पर अध्यापक ने गुस्से में उसे बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया और कई बार उसे उठाकर जमीन पर पटका जिससे उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया। 

* 07 सितम्बर को फर्रुखाबाद में फतेहगढ़ के प्राथमिक विद्यालय में खेलते समय धक्का लग जाने पर स्कूल की अध्यापिका ने कक्षा 3 के छात्र को उसके सिर के बालों से पकड़ कर बुरी तरह डंडे मारे जिससे बच्चे की पीठ पर नीले निशान बन गए और सिर पर गूमड़ उभर आया। 

* 08 सितम्बर को गुडग़ांव में अरबी भाषा की ट्यूशन पढ़ाने वाले अध्यापक को अपनी 8वीं कक्षा की एक छात्रा के साथ उसके माता-पिता की अनुपस्थिति में दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 

* 12 सितम्बर को कालका जी स्थित एक मकान में 8 वर्षीय बच्ची के प्यानो टीचर ने उससे बलात्कार कर डाला। 

* 12 सितम्बर को ही बिहार के मधुबनी में एक नाबालिगा ने पुलिस में शिकायत लिखवाई कि उसे ट्यूशन पढ़ाने वाला अध्यापक शादी का झांसा देकर उसका देह शोषण करता रहा और जब वह गर्भवती हो गई तो उसका गर्भपात करवा दिया।  

* 17 सितम्बर को इंदिरा कालोनी, फरीदाबाद के सरकारी स्कूल की एक छात्रा द्वारा अध्यापक इंद्र सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद 15 अन्य लड़कियों ने भी उस पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया।

* 17 सितम्बर को ही जैतो में एक स्कूल के शारीरिक शिक्षा के अध्यापक ने 14 छात्रों को बैंतों से बुरी तरह पीट डाला जिससे गंभीर रूप से घायल 8 बच्चों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। 

* 19 सितम्बर को नगर निगम मुम्बई के एक स्कूल का अध्यापक 8वीं और 9वीं कक्षा की 15 छात्राओं को एक फर्जी टूर्नामैंट के बहाने अपने साथ अलीबाग ले गया और फिर उनसे अश्लील हरकतें कीं। 
जब एक 14 वर्षीय छात्रा बस में सो गई तो अध्यापक ने उसका यौन शोषण किया। पीड़ित छात्रा के अनुसार अध्यापक ने अन्य छात्राओं को भी गलत तरीके से छुआ। 

* 19 और 20 सितम्बर को बलरामपुर जिले के प्रेमनगर में एक छात्र के पास साइंस व संस्कृत की किताबें न होने पर उसके अध्यापक ने उसे बुरी तरह पीटा जिससे उसके गालों, आंख और जबड़े में गंभीर चोटें आ गईं। ये तो गत डेढ़ मास में हुई घटनाओं के चंद उदाहरण मात्र हैं जो प्रकाश में आई हैं जबकि ऐसी प्रतिदिन न जाने कितनी घटनाएं होती हैं जो प्रकाश में नहीं आ पातीं।

अनेक अध्यापक छात्र-छात्राओं को मारते-पीटते भी हैं और उन्हें शारीरिक एवं मानसिक रूप से क्षति पहुंचाने की कोशिश भी करते हैं। इसे रोकने के लिए न सिर्फ जिम्मेदार अध्यापकों की विचारधारा को बदलने बल्कि दोषियों के विरुद्ध कड़ी शिक्षाप्रद कार्रवाई करने की भी जरूरत है। 

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