पुलिस विभाग की बदनामी का कारण बन रहे चंद कर्मचारी

Sunday, Mar 03, 2024 - 04:51 AM (IST)

हालांकि पुलिस विभाग पर लोगों की सुरक्षा का जिम्मा होने के नाते इसके कर्मचारियों से अनुशासित और कर्तव्य परायण होने की उम्मीद की जाती है, परन्तु आज देश में अनेक पुलिस कर्मचारी विभिन्न अपराधों में संलिप्त पाए जा रहे हैं, जिससे पूरे विभाग की बदनामी हो रही है :

  •  2 जनवरी को आगरा (उत्तर प्रदेश) के बेलनगंज में एक महिला से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोप में कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया। महिला की लाश उक्त कांस्टेबल के कमरे में फंदे से लटकती पाई गई।
  • 14 फरवरी को जम्मू क्षेत्र के संवेदनशील ‘अरनियां’ सैक्टर में भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित ‘अला’ पुलिस चौकी के इंचार्ज सहायक सब-इंस्पैक्टर रहमत अली का अपने कुछ मेहमानों के साथ चौकी की छत पर बैठ कर शराब पीने का वीडियो वायरल होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया।

    रणवीर सिंह पुरा के सब-डिवीजन पुलिस ऑफिसर निखिल गोगना के अनुसार, ‘‘जब एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना की शिकायत लिखवाने गया तो चौकी की छत पर बैठ कर अपने मेहमानों के साथ शराब पी रहे सहायक सब-इंस्पैक्टर रहमत अली ने उसे 45 मिनट से अधिक समय तक इंतजार करवाने के अलावा छत से नीचे उतर कर उसके साथ बदसलूकी की और बाहर धकेलने की कोशिश की। 
  • 18 फरवरी को जयपुर (राजस्थान) में पवन नामक युवक और उसके पुलिस कर्मी जीजा रतन को 16 वर्ष की एक नाबालिगा से पुलिस क्वार्टर में बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 
  • 24 फरवरी को अमृतसर (पंजाब) के थाना ए डिवीजन (रामबाग) से संबंधित पंजाब पुलिस के एक सब-इंस्पैक्टर सरवन सिंह का एक वीडियो सामने आया। इसमें जब कुछ लोग थाने में शिकायत देने पहुंचे तो उक्त सब-इंस्पैक्टर सरेआम शराब की बोतल खोल कर अधूरी वर्दी में बैठा शराब पीता हुआ नजर आ रहा था।

    उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले पंजाब के एक जिले की ऐसी ही एक अन्य वीडियो वायरल हुई थी, जिसमें एक ए.एस.आई. रैंक का कर्मचारी जबरदस्त नशे में झूमता नजर आ रहा था। 
  •  26 फरवरी को मथुरा (उत्तर प्रदेश) में एक सब-इंस्पैक्टर राज कुमार पर इस धर्मनगरी में मंदिरों के दर्शन करने आए पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के एक व्यक्ति राजेश कुमार पांडे और उसके परिवार पर हमला करने का आरोप लगा है।

    पुलिस अधीक्षक (देहाती) ‘त्रिगुण बिसेन’ के अनुसार, राजेश कुमार पांडे ने आरोप लगाया कि सब-इंस्पैक्टर ने उनके और उसके परिवार के साथ दुव्र्यवहार किया और जब उनकी बेटियों प्राची तथा अर्चना ने इंस्पैक्टर को रोका तो इंस्पैक्टर ने उन दोनों को भी पीटा और जब उनका बेटा अपनी बहनों को बचाने के लिए आगे बढ़ा तो सब-इंस्पैक्टर ने उसे भी पीट डाला।

    एस.एस.पी. शैलेष कुमार पांडे ने इस पूरे प्रकरण के पीछे ‘गोवर्धन’ थाने के सब-इंस्पैक्टर राज कुमार के व्यवहार को घटना का मूल कारण मानते हुए निलंबित कर दिया।
  • 28 फरवरी को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में डिनर करने गए वकीलों को गोमती नगर के विभूतीखंड क्षेत्र में बुरी तरह पीटने, चोट पहुंचाने, रात भर पुलिस चौकी में बिठाकर रखने और झूठे केस में फंसाने के आरोप में 7 पुलिस कर्मियों के विरुद्ध केस दर्ज किया गया।
  • 28 फरवरी को ही विजीलैंस विभाग कैथल (हरियाणा) की एक टीम ने गुहला थाने में तैनात हवलदार बरजिंद्र सिंह को 5,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। 
  • 29 फरवरी को पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने फगनमाजरा थाना पुलिस चौकी के इंचार्ज ए.एस.आई. नराता राम को शिकायतकत्र्ता से 8,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया।
  • 1 मार्च को लुधियाना के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डा. अजीत अत्री ने जगतपुरी थाना के ए.एस.आई. गुरविंदर सिंह को भ्रष्टïाचार के आरोप में 5 वर्ष कड़ी कैद और 10,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। 

उक्त उदाहरणों से स्पष्टï है कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पुलिस विभाग आज किस कदर अपने मार्ग से भटक चुका है। अत: ऐसे पुलिस कर्मियों के विरुद्ध तेजी से कार्रवाई करके उन्हें शिक्षाप्रद दंड दिया जाना चाहिए, ताकि वे अपनी करतूतों से बाज आएं और पुिलस विभाग बदनामी से बचेे। -विजय कुमार

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