‘मोबाइल पर बात करते वाहन चलाने से’ भारत में हो रहीं रोजाना 9 मौतें

Friday, Apr 26, 2019 - 04:19 AM (IST)

मोबाइल फोन इस शताब्दी का अभूतपूर्व चमत्कार तथा आज विश्व में सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उपकरण है। हमारे देश में मोबाइल फोनों की संख्या हमारे देश की जनसंख्या से भी कहीं अधिक हो गई है। 

नि:संदेह मोबाइल फोन के अनेक लाभ हैं-एमरजैंसी में डाक्टर और पुलिस बुलाने, किसी को तत्काल महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाने जैसे असंख्य लाभों के साथ-साथ इसकी कुछ हानियां भी हैं। अश्लीलता का प्रसार करने और लोगों, विशेषकर नवविवाहित जोड़ों के गृहस्थ जीवन में समस्याएं खड़ी करने में भी इनका बड़ा योगदान है।

जरा सी बात पर बेटियां अपनी माताओं को फोन लगाकर अपने पति या अपने ससुराल वालों के विरुद्ध शिकायतों का पिटारा खोल देती हैं व माताओं द्वारा बेटियों को गलत सलाह देने से उनकी गृहस्थी खतरे में पड़ जाती है। मोबाइल फोन का इस्तेमाल नशे की हद तक बढ़ जाने से ये अनेक दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहे हैं। वाहन चलाते समय मोबाइल के इस्तेमाल से सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं जिनके चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

11 जुलाई, 2018 को हैदराबाद में मोबाइल पर बात करते हुए मोटरसाइकिल चला रहे व्यक्ति ने सामने से आ रहे एक अन्य मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी जिससे उस पर सवार व्यक्ति की मृत्यु हो गई। 

20 अक्तूबर को नई दिल्ली के सरिता विहार में मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग कर रहे एक व्यक्ति की कार एक मोटरसाइकिल से टकरा जाने से उस पर सवार तीनों व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। 23 जनवरी, 2019 को गुलाबी बाग, दिल्ली के निकट मोबाइल पर बात करते ड्राइविंग कर रहे युवक की कार एक डिवाइडर से टकरा कर उलट गई। इससे कार में सवार एक युवक की मृत्यु व तीन अन्य घायल हो गए। 7 मार्च, 2019 को नई दिल्ली के सरिता विहार अंडरपास में मोबाइल पर बात करते जा रहे एक व्यक्ति का स्कूटर बेकाबू होकर उलट गया तथा सिर पर चोट लगने से स्कूटर सवार मारा गया। 

19 अप्रैल को नरवाना सदर थाने के सामने मोबाइल पर बात कर रहे प्राइवेट बस के चालक की बस ने विपरीत दिशा से आ रहे एक ट्रक से टक्कर मार दी जिससे 4 बच्चों सहित 19 लोग घायल हो गए। 22 अप्रैल को नई दिल्ली में मोबाइल फोन पर बात करते हुए एक व्यक्ति ने अपने तीन वर्षीय भतीजे को ही अपनी कार के नीचे रौंद डाला जिससे उसके सिर, छाती और शरीर के अन्य अंगों पर गंभीर चोटें आ गईं तथा वह एम्स में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। 23 अप्रैल को बीकानेर में स्कूली बच्चों को घर छोडऩे जा रहे वैन चालक के मोबाइल पर बातों में व्यस्त होने के कारण वैन बेकाबू होकर एक दुकान से जा टकराई जिसके परिणामस्वरूप लगभग 25 बच्चे घायल हो गए। मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं के ये तो चंद नमूने मात्र हैं जबकि इनके दुरुपयोग से सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या कहीं अधिक है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल कई ड्राइविंग कार्यों में बाधा डाल सकता है। इससे सही लेन में चलने की स्थिति बनाए रखने की क्षमता और ब्रेक लगाने की रफ्तार कम हो जाती है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2016 में भारत में 2138 लोगों की मृत्यु वाहन चलाते समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल से हुई जबकि 2017 में 3172 लोग मरे अर्थात रोज लगभग 9 लोगों की मृत्यु हुई। मोबाइल फोन पर बात करते, एस.एम.एस. भेजते, चैटिंग करते या गीत सुनते हुए वाहन चलाने से होने वाली मौतों का सिलसिला रोकने के लिए वाहन चलाते हुए मोबाइल फोन के इस्तेमाल से परहेज करना अत्यंत आवश्यक है। विशेषज्ञों के अनुसार वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल दुर्घटना की संभावना को कई गुणा बढ़ा देता है। 

यह भी उल्लेखनीय है कि आम लोग तो मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग करते ही हैं परंतु ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के सदस्य ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। कई बार तो स्वयं पुलिस वाले ही वाहन चलाते हुए मोबाइल फोनों का इस्तेमाल करते नजर आते हैं। अत: मोबाइल फोन पर बात करते हुए वाहन चलाने वालों और उन्हें रोकने के लिए कोई कार्रवाई न करने वाले ट्रैफिक पुलिस कर्मियों दोनों के ही विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने और कठोर दंड देने की जरूरत है।—विजय कुमार  

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