अर्धसैनिक बलों के 50,155 सदस्य 5 वर्षों में छोड़ गए नौकरी

punjabkesari.in Tuesday, Mar 28, 2023 - 03:11 AM (IST)

इस समय जहां ‘अद्र्ध सैनिक बलों’ में बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं, वहीं इन बलों में त्यागपत्र देकर जाने के बढ़ रहे रुझान के कारण 2018 से 2022 तक 5 वर्षों में इनके 50,155 सदस्य नौकरी छोड़ कर चले गए हैं। यही नहीं, आंकड़ों में यह भी बताया गया है कि 2018 से 2022 के बीच उक्त विभागों के 654 सदस्यों ने आत्महत्याएं भी कीं, जिनमें सी.आर.पी.एफ. के 230, बी.एस.एफ. के 174 तथा असम राइफल्स के 43 सदस्य शामिल हैं। 

सी.आर.पी.एफ. के एक अधिकारी के अनुसार सर्वाधिक आत्महत्याएं छत्तीसगढ़ में हुईं जहां यह नक्सल विरोधी अभियान में व्यस्त है। इस स्थिति को गंभीर घटनाक्रम करार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों’ (सी.ए.पी.एफ.) के अधिकारियों को अपने विभागों में स्टाफ के कामकाज की स्थितियों को सुधारने और उन्हें नौकरी छोड़ कर न जाने के लिए स्टाफ को प्रेरित करने के लिए कहा है। 

मंत्रालय ने कहा है कि इतने बड़े स्तर पर त्यागपत्रों से संबंधित विभागों के कामकाज पर असर पड़ सकता है। इसी को देखते हुए गृह मंत्रालय ने संसद में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि इस समस्या को रोकने के लिए उपचारात्मक कदमों का सुझाव देने के लिए एक संसदीय समिति गठित की गई है। यह जानने के लिए कि कोई सदस्य नौकरी क्यों छोड़ रहा है, ‘केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों’ के अधिकारियों से कहा गया है कि वे त्यागपत्र देकर जाने वाले स्टाफ के ‘एग्जिट इंटरव्यू’ ले कर उनकी शिकायतें पूछें। 

एक ओर देश में बेरोजगारी बहुत अधिक है और दूसरी ओर सुरक्षा बलों के सदस्य नौकरियां छोड़कर जा रहे हैं। अत: इसके कारणों की गहराई में जाकर उन्हें दूर करने की जरूरत है ताकि उन्हें नौकरियां छोड़ कर जाने से रोका जा सके और देश की सुरक्षा प्रभावित न हो।—विजय कुमार


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