‘20 साल बाद’ अदालत ने दी ‘सलमान खान’ को पांच साल की सजा

Friday, Apr 06, 2018 - 02:00 AM (IST)

आज जबकि भारत में कार्यपालिका और विधायिका लगभग निष्क्रिय हो चुकी हैं, ऐेसे में केवल न्याय पालिका और मीडिया ही सक्रिय हैं और अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं। इसी कारण पिछले चंद वर्षों के दौरान विभिन्न आरोपों में अनेक नेताओं को जेल की हवा खानी पड़ी जिनमें सुरेश कलमाड़ी, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता, कांग्रेस सांसद राशिद मसूद, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और राजस्थान के पूर्व मंत्री बाबू लाल नागर आदि शामिल हैं।

न्याय पालिका की बदौलत ही जहां धर्म जगत की तथाकथित बड़ी हस्तियों में से आसाराम व सतलोक आश्रम के रामपाल जेल में बंद हैं वहीं बालीवुड की हस्तियों में से संजय दत्त अवैध हथियारों के केस में और शाइनी आहूजा घरेलू नौकरानी से कथित बलात्कार के आरोप में कैद काट चुके हैं। आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली पर भी अभिनेत्री जिया खान की मौत के सिलसिले में केस चल रहा है और वह जमानत पर रिहा है। अब 5 अप्रैल को जोधपुर की अदालत ने अभिनेता सलमान खान, सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू व नीलम तथा एक स्थानीय आरोपी दुष्यंत सिंह पर चल रहे 2 चिंकारा (ब्लैक बक  या काला हिरण) के शिकार के मामले में फैसला सुनाया।

शिकार की यह घटना 26 सितम्बर, 1998 की है जब सलमान व अन्य कलाकार फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के लिए जोधपुर आए हुए थे। सलमान पर आरोप था कि उसने जोधपुर के निकट कांकाणी गांव के भागोडा की ढाणी में दो काले हिरणों का शिकार किया। इसके 2 दिन बाद 28 सितम्बर को सलमान पर घोड़ा फाम्र्स में एक और ब्लैक बक के शिकार का आरोप लगा। उसी वर्ष 2 अक्तूबर को बिश्रोई समुदाय ने सलमान के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया और 10 दिन बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जोधपुर पुलिस ने सलमान तथा अन्यों के विरुद्ध 4 मामले दर्ज किए थे। इनमें से 3 मामले काले हिरण के शिकार के और एक मामला अवैध हथियार रखने का था। 

तीन मामलों में सलमान बरी हो चुका है (जिनके विरुद्ध राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर रखी है) तथा चौथे मामले में मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट देव कुमार खत्री ने 5 अप्रैल को सलमान खान को वन्य जीव (संरक्षण) कानून के प्रावधान 9/51 के अंतर्गत दोषी ठहराते हुए 5 वर्ष कैद और 10,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई तथा अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया। हालांकि सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने अदालत से आग्रह किया कि वह अच्छा व्यक्ति है लिहाजा उसके साथ नर्मी बरतते हुए उसे कम से कम सजा दी जाए परंतु सरकारी वकील ने सलमान को आदी अपराधी बताते हुए कड़ी से कड़ी सजा देने की गुहार लगाई और न्यायाधीश द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस ने सलमान को हिरासत में ले लिया। हिरण शिकार के तीन मामलों में सलमान पिछले 20 वर्षों में 3 बार जेल जा चुका है तथा पुलिस एवं न्यायिक हिरासत में 18 दिन जेल में रह चुका है तथा अब चौथी बार उसे जोधपुर सैंट्रल जेल में लाया गया है। 

उल्लेखनीय है कि 2 सितम्बर, 2002  के हिट एंड रन केस, जिसमें सलमान खान की लैंड क्रूजर गाड़ी के नीचे आकर फुटपाथ पर सो रहे एक व्यक्ति की मृत्यु और 4 अन्य घायल हो गए थे, में मुम्बई की सैशन अदालत ने मार्च, 2003 में सलमान खान को दोषी करार दिया था परंतु दिसम्बर, 2015 में मुम्बई हाईकोर्ट ने उसे बरी कर दिया था जिसके विरुद्ध महाराष्टï्र सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में अपील कर रखी है। फिलहाल सलमान को जोधपुर जेल भेज दिया गया है। सजा 3 साल से ज्यादा है अत: उसे जमानत के लिए उच्च अदालत में जाना होगा तथा उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई 6 अप्रैल को होने के कारण 5 अप्रैल की रात उसे जेल में ही बितानी पड़ी। 

नि:संदेह सलमान खान एक बढिय़ा अभिनेता है तथा उसे 5 वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने से उसके करोड़ों चाहने वालों को गहरा धक्का लगा है परंतु न्याय पालिका ने सिद्ध किया है कि कानून की नजर में क्या अमीर और क्या गरीब सब बराबर हैं और इंसाफ का तराजू किसी से भेदभाव नहीं करता। इसके साथ ही यह भी सिद्ध हो गया कि स्वयं को प्रभावशाली समझने वाले लोग किस प्रकार कानून के प्रति अज्ञानता के कारण परिणाम की ङ्क्षचता किए बगैर अपने मन की करने की कोशिश करते हैं जिसका उन्हें दुष्परिणाम भुगतना पड़ता है।—विजय कुमार  

Pardeep

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