कैट-2023 परीक्षा में 14 उम्मीदवारों ने रिकार्ड 100 प्रतिशत अंक प्राप्त किए

punjabkesari.in Monday, Dec 25, 2023 - 04:43 AM (IST)

इस वर्ष लिए गए ‘कॉमन एडमिशन टैस्ट’ (कैट) 2023 के हाल ही में घोषित किए गए परिणामों में इंजीनियरिंग बैकग्राऊंड से संबंधित परीक्षार्थियों ने पिछले वर्षों की भांति ही बेहतर प्रदर्शन किया है। 100 प्रतिशतता पाने वाले 14 छात्रों में से 11 इंजीनियरिंग बैकग्राऊंड के और 3 नॉन-इंजीनियरिंग बैकग्राऊंड से हैं। इनमें 4 महाराष्ट्र, 2 तेलंगाना और 1-1 उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और केरल से हैं।

अत्यंत कठिन परीक्षा होने के कारण इसमें शत-प्रतिशत अंक प्राप्त करना किसी दुर्लभ उपलब्धि से कम नहीं है और आमतौर पर इस तरह का परिणाम आता नहीं है। वर्ष 2016 में तो इतने अंक किसी ने प्राप्त किए ही नहीं थे और सब पूछते थे कि आखिर शत प्रतिशत अंक किस प्रकार आ सकते हैं। इसी परीक्षा में अनेक उम्मीदवारों ने 99 और 98 प्रतिशत या उससे कम अंक प्राप्त किए हैं परंतु इसका मतलब यह नहीं है कि वे कम प्रतिभाशाली हैं। वे भी समान रूप से प्रतिभाशाली हैं।

इस वर्ष टॉप 3 प्रतिशतता में देश भर के 72 परीक्षार्थियों ने जगह बनाई है जबकि टॉप 3 में सिर्फ एक छात्रा को मौका मिला है। टॉप 3 के 72 परीक्षार्थियों में से 53 इंजीनियरिंग बैकग्राऊंड से हैं जो इसके जरिए आई.आई.एम. तथा 91 अन्य मैनेजमैंट संस्थानों में प्रवेश ले सकेंगे। इस बार देश भर से 29 परीक्षार्थियों ने 99.99 प्रतिशतता में जगह बनाई जिनमें 28 लड़के और सिर्फ एक लड़की है। इनमें इंजीनियरिंग बैकग्राऊंड से 22 और नॉन इंजीनियरिंग बैकग्राऊंड से 7 उम्मीदवार हैं।

99.98 प्रतिशतता में भी देश भर से 28 परीक्षार्थियों ने जगह बनाई और इस प्रतिशतता पर सिर्फ लड़कों का ही कब्जा है। इसमें इंजीनियरिंग बैकग्राऊंड से 20 परीक्षार्थी हैं। देश के 167 शहरों में 375 केंद्रों पर 26 नवम्बर को आयोजित इस परीक्षा में बैठने के लिए 3.28 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण करवाया था जिनमें से 2.88 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा दी। इनमें 36 प्रतिशत लड़कियां, 64 प्रतिशत लड़के और 5 ट्रांसजैंडर शामिल थे।

आई.आई.एम. लखनऊ के अधिकारियों के अनुसार पिछले वर्ष कैट के नतीजों में 100 प्रतिशतता प्राप्त करने वाले सभी 11 परीक्षार्थी पुरुष थे और इनमें से 10 इंजीनियरिंग बैकग्राऊंड वाले थे।उल्लेखनीय है कि इस बार की परीक्षा में अहमदाबाद की गर्ग फैमिली के 2 भाइयों विशेष तथा विशाख ने भी भाग लिया था और दोनों क्रमश: 99.3 और 96.4 प्रतिशतता के साथ सफलता प्राप्त की। हमारे युवाओं ने इस परीक्षा में महान सफलताएं प्राप्त करके सिद्ध कर दिया है कि हमारे यहां मेहनती छात्र भी हैं और प्रतिभाशाली भी।

विश्व में होने वाली इस प्रकार की परीक्षाओं में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी नहीं मिलते। इस लिहाज से भी यह हमारे लिए गर्व की बात है। परंतु इसके साथ ही यह सोचने की भी जरूरत है कि जब हमारे पास इतने प्रतिभाशाली और मेहनती लोग हैं तो क्या इनकी प्रतिभा का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए हमें इनके मार्गदर्शन तथा इनके लिए रोजगार के और अवसर पैदा करने की आवश्यकता नहीं है?

अब संभावना यही है कि ये सफल परीक्षार्थी सरकारी नौकरी को ही अधिमान देंगे। इस स्थिति में प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है कि क्या हमें शिक्षा के क्षेत्र में और विविधता लाने के साथ-साथ औद्योगिक शिक्षा पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है? यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि हमारे यहां मौजूद प्रतिभाओं को विश्वव्यापी स्वीकृति मिल रही है और 33 अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों के सी.ई.ओ. भारतीय हैं परंतु देश में भी इतने सारे प्रतिभाशाली युवा हैं तो हमें उन्हें अच्छे पदों पर खपाने के लिए और अवसर कायम करके उनकी प्रतिभा का इस्तेमाल करना चाहिए। यहां यह बात भी देखने वाली है कि चाहे ये आई.आई.टी. से हों या किसी अन्य शिक्षा संस्थान से आ रहे हों, हैं तो ये सभी भारतीय शिक्षा प्रणाली की उपज ही, जो भारत के लिए बड़े गर्व की बात है। 


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