बीटी कपास विवाद: मोन्सेन्टो ने भारतीय व्यवसाय के पुनर्आंकलन करने की धमकी दी

Friday, Mar 04, 2016 - 03:24 PM (IST)

नई दिल्ली: अमरीका की प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मोन्सेन्टो ने आज आगाह किया कि अगर सरकार ने ‘मनमाने और संभावित रूप से विनाशकारी’ हस्तक्षेपों के जरिए बीटी कपास के लिए विशेषता शुल्क (ट्रेट फीस) में कटौती की तो वह भारत में अपनी उपस्थिति का पुनर्आकलन करेगी और नई प्रौद्योगिकियों को रोक देगी।  

 

केंद्र सरकार ने पिछले दिसंबर में विशेषता शुल्क अथवा रॉयल्टी मूल्य सहित कपास बीज नियंत्रण आदेश जारी किया था जो फसल वर्ष 2016-17 से प्रभावी होगा। कृषि मंत्रालय के तहत एक समिति को बीज मूल्य के साथ साथ जल्द ही रॉयल्टी फीस की सिफारिश करने के लिए गठित किया गया है।  

 

मोन्सेन्टो के एक साझा उपक्रम कंपनी, माहिको मोन्सेन्टो बॉयोटेक लिमिटेड (एमएमबीएल) ने दिल्ली उच्च न्यायालय में इस आदेश को चुनौती दी है। एमएमबीएल ने विभिन्न घरेलू बीज कंपनियों को वर्ष 2002 से बीटी कपास बीज का ‘सब.लाइसेंस’ दिया हुआ है।  

 

मोन्सेन्टो इंडिया के क्षेत्रीय सीईआे शिल्पा दिवेकर ने बताया, "अगर समिति बीटी कपास बीजों पर अधिक, अनिवार्य कटौती वाले विशेषता शुल्क की सिफारिश करती हेै, तो एमएमबीएल के पास भारत में अपनी उपस्थिति के हरेक पहलुआें का पुनर्आंकलन करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा।"

 

एमएमबीएल मौजूदा समय में बीटी बॉलगार्ड वन और बीटी बॉलगार्ड टू बीजों के पैकेट के लिए क्रमश: 122.96 रुपए और 183.46 रुपए के विशेषता शुल्क वसूलती है। 

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