गर तू ही इश्क होने से मुकर गया होता

Thursday, Jun 27, 2019 - 12:41 PM (IST)

  • गर तू ही इश्क होने से मुकर गया होता। 
  • मेरे अन्दर का वो जख्म भर गया होता। 
  • चहकती फिरती मैं अल्हङ सा यौवन लेकर रूप मेरा कुछ और निखर गया होता। 
  • गुब्बार कोई न होता फिर मेरे भी सीने में। 
  • मेरे अंदर का वो शख्स न मर गया होता। 
  • आवारा फिरती न यादें तेरी ज़ेहन में मेरे तू गर मुझ से किनारा सा कर गया होता। 
  • बात बेबात पे न निकल आते यूं आंसू मेरे, 
  • रंग खुशियों का चार सू बिखर गया होता। 

सुरिंदर कौर 

Seema Sharma

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