गाडि़यों की रफतार बढ़ा रहा या घटा रहा है रेलवे ?

punjabkesari.in Thursday, Jul 11, 2019 - 05:14 PM (IST)

1 जुलाई को रेलवे ने अपनी नई समय सारणी जारी की है । गाडि़यों के आगमन समय को लेकर कुछ स्टेशनों के यात्रियों को लाभ तो कुछ स्टेशनों के यात्रियों को नुकसान भी पहॅुचा होगा और गाडि़यों के समय बदलने के कारण यह होना स्वाभाविक भी है । पर प्रश्न अब यह उठता है कि समय बदलने से किसी गाड़ी के परिचालन का समय घटा या बढ़ा यदि परिचालन का समय घट रहा है या वह ट्रेन अब सही समय पर पहुॅचगी तो समय परिवर्तन का लाभ समझ मे आता है परन्तु किसी गाड़ी का पूर्व से समय 2ः15 पहले करने के बाद भी वो गाड़ी पूर्व समय से 10 मिनट बाद अपने गण्तव्य स्थान पर पहुॅच रही है तो इसे आप क्या कहेेंगे रेलवे अधिकारियों का निजी स्वार्थ या उनकी अति बुद्धिमानी ?

गंगा सतलुज एक्स्रप्रेस 13308 ; किसान एक्सप्रेस  जो कि 1 जुलाई से पहले फिरोजपुर से शाम 18ः25 मिनट पर चलने के बाद धनबाद 04ः55 बजे पहुॅचती थी परन्तु अब ये गाड़ी फिरोजपुर से 16ः10 पर चलती है और धनबाद 05ः05 बजे पहुॅच रही है यानि 2 घण्टा 15 मिनट पहले चलने के बाद भी 10 मिनट देर से पहुॅचना रेलवे के विकास को दर्शाता है जबकि पूर्व में ये गाड़ी अक्सर समय पर पहॅुचती रही है।

दूसरा उदाहारण तिरूवंनतपुरम सेन्ट्रल -ह0 निजामुद्धीन ; 12431 द्ध राजधानी एक्स्रपेस  है जो कि अपने पूर्व समय पर तिरूवंनतपुरम सेन्ट्रल से चलती है परन्तु अब निजामुद्धीन 4 घण्टा 15 मिनट देरी से पहुॅचती है और न जाने कितनी गाडि़या है जिनकी रफतार रेलवे द्धारा घटा दी है पर आज भी आपको अधिकॉश गाडियॉ अपने समय पर पहुॅचती नही मिलेंगी ।

सहारनपुर - लखनउ पैसन्जर जो कि एक ऐतहासिक स्वतत्रता संग्राम से सम्बधित काकोरी घटना से जुड़ी हई है तथा ये गाड़ी आजादी के पहले से संचालित होती चली आ रही थी  इस पैसन्जर गाड़ी को रेलवे द्धारा पिछले 3 वर्षो से संचालित नही किया जा रहा है तथा इसका संचालन कब प्रारम्भ होगा या नही होगा ,ये बात कोई भी रेलवे अधिकारी बताने की स्थिति मे नही है क्या कारण है ? पैसन्जर गाडियो मे अधिकांश गरीब जनता यात्रा करती है क्या इसी लिये किसी के पास ये जानकारी उपलब्ध नही है ?
क्या इसे हम रेलवे का विकास कह सकते है ? क्या केवल समय सारणी बदलने से गाडियॉ अपने समय पर चलने लगेगी ? यदि हॉ तो समय सारणी प्रत्येक वर्ष बदलती है तो ये बदलाव आज तक क्यों नही आया है ? यदि वास्तव मे गाडि़यों की रफतार बढाने और उनको समय पर चलाना है तो नीति बदलने की आवश्यकता है न की समय की , गाडि़यों के लेट होने की स्थिती में जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और जो इसके दोषी हो उनको अर्थ दण्ड देकर या तत्काल निलम्बन कर स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। 

 अनुराग भटनागर , एडवोकेट 
 बिजनौर , उ0प्र0 8979698690


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Tanuja

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