आतंकियों ने कश्मीरी पंडित-सरपंच अजय कुमार पंडिता ‘भारती’ की गोली मारकर की हत्या
Friday, Jun 12, 2020 - 04:45 PM (IST)
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों ने सोमवार को एक कश्मीरी पंडित-सरपंच अजय कुमार पंडिता ‘भारती’ की गोली मारकर हत्या कर दी। माना जाता है कि इस वारदात को कश्मीर में आतंक का नया पर्याय बने जिहादी संगठन ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने अंजाम दिया है। बीते 17 वर्षों में वादी में किसी कश्मीरी पंडित की आतंकियों द्वारा की गयी हत्या की यह पहली वारदात है।
सोशल मीडिया पर अंग्रेजी और हिंदी में वायरल बयान में टीआरएफ की ओर से धमकी दी गई है कि कश्मीर में भारत की बात करने वाले किसी भी राजनीतिक नेता या ऐसे ही किसी भारत-समर्थक को बख्शा नहीं जाएगा। टीआरएफ सेना का साथ देने वालों को भी मारने की धमकी देता रहा है ।
ऐसे माहौल में जब कश्मीरी अल्पसंख्यकों की आतंकी दुबारा निर्मम हत्या कर रहे हों, भला कौन कश्मीरी पंडित घाटी में वापस जाने का हौसला जुटा सकता है?बड़े-बड़े नेताओँ और प्रशासकों को तो सिक्योरिटी कवच मिले हुए हैं। मगर,मरता बेचारा छोटा नेता ही है।अजय पण्डिता ने कांग्रेस की टिकट पर सरपंच का चुनाव लड़ा था और जीते थे।
संभवतः यह सोचकर चुनाव लड़ा था कि अब घाटी में अमन-चैन लौटने वाला है और प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा होने वाली है।मगर,यह सब छलावा था।पंडितों के लिए आंखें खोलने वाली इस दर्दनाक घटना ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब तक पंडितों को अलग से किसी जगह पर बसाया नहीं जाता और उनकी पृथक ‘होमलैंड’ की मांग को साकार नहीं किया जाता, तब तक पंडितों का घाटी में लसना-बसना मुहाल ही है।
(डॉ० शिबन कृष्ण रैणा)