सैनिक की पत्नी
punjabkesari.in Saturday, Jun 27, 2020 - 03:46 PM (IST)
शादी के सपने संजोए,
मन के मोती खूब पिरोए
समय मगर बलवान बना
अपने घर में मेहमान बना
मेहंदी अभी उतर न पायी
छुट्टी खत्म की चिट्ठी आयी
पीठ पर गृहस्थी लादे
गया वो पूरे करने वादे
बड़े किये थे मन में इरादे
जादू की झप्पी की यादें
देहरी को अब तकती आँखें
घर का कोना कोना नापें
एक फोन की घंटी ने फिर
खबर ऐसी बुरी सुनायी
लिपट तिरंगे में आया फिर
सीमा पर जो गया सिपाही
ठीक बनी भी नहीं थी जोड़ी
जब सुहाग की चूड़ी तोड़ी
सैनिक की पत्नी होना तो
गर्व भी है पर त्याग बड़ा है
उस पत्नी को लिखती हूँ मैं
जिसने अकेले युद्ध लड़ा है।
(शशी यादव)