आत्मनिर्भर मजदूर

punjabkesari.in Thursday, Jun 04, 2020 - 01:51 PM (IST)

आत्मनिर्भर देश का मजदूर हूँ मैं,
अपने घर जाने को बेबस मजबूर हूँ मैं।
आत्मनिर्भर और शशक्त बना कर देश को मैं,
आत्मनिर्भरता अपनी खो जाने पर लाचार सा हूँ मैं।
कर रही है अथक प्रयास रात दिन ये सरकार,
फिर भी मदद की आश मे फंसा हु बीच मंझधार।
सड़के बनाई ,पटरी बनाई, नेता बनाए , 
अभिनेता बनाए और आत्मनिर्भर भी बनाये,
आज उन्हीं की ठोकरों का तिरस्कार सह मर जाने को, 
बेबस, लाचार फिर भी तैयार हूँ मैं।
                                        

(प्रभुकान्त वर्मा)


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Riya bawa

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