और कितना शर्मिन्दा हुआ जाए

punjabkesari.in Thursday, Jun 27, 2019 - 12:11 PM (IST)

  • कितना और कितना शर्मिन्दा हुआ जाये ?, बेटियों !
  • तुम्हारी बदहाली अब ना देखी जाये . ज़माने में इंसानियत बची ही नहीं ज़रा सी भी , आखिर किस-किस को इंसानियत सिखाई जाये ?
  • समाज में दरिन्दे के भेष में घूमता है हर आदमी, कभी-कभी तो अपनों पर से भी यकीन उठ जाये .
  • तुम्हारी जान की सलामती चाहूं ,या आबरू की, या तो तू कोख में मारी जाये या भेड़ियों से नुचवाई जाये .
  • आंखों से आंसू ख़त्म नहीं होते,
  • और न ही यादों का दौर और अखबार में एक नई खबर बलात्कार की छप जाए
  • खून में उबाल आये आमजन के/ नामी हस्तियां करे नौटंकी ,
  • मगर सरकार को क्यों और कैसे चैन की नींद आ जाए .
  • नन्ही -मुन्ही ,कोमल कलि से मेरी बच्चियो ,इतनी करो पुकार,
  • के खुदा अपनी खुदाई याद कर जल्दी से कयामत धरती पे ले आए।

ओनिका सेतिया 'अनु'


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Seema Sharma

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