सुब्रत पाल डोप परीक्षण में नाकाम रहने के बाद अब बैन का खतरा

punjabkesari.in Tuesday, Apr 25, 2017 - 03:32 PM (IST)

नई दिल्ली: मशहूर भारतीय गोलकीपर सुब्रत पॉल पर डोप परीक्षण में नाकाम रहने के बाद अब 4 साल का प्रतिबंध लगने का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन उन्होंने खुद को निर्दोष करार दिया और वह ‘बी’ नमूने का परीक्षण करवाएंगे।  

अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ के महासचिव कुशाल दास ने कहा कि अर्जुन पुरस्कार विजेता पॉल पिछले महीने प्रतियोगिता से इतर परीक्षण में नाकाम रहे थे।  दास ने पीटीआई से कहा कि हां, सुब्रत पॉल का ‘ए’ नमूना प्रतिबंधित दवाई के लिये पाजीटिव पाया गया है और अगर उनका ‘बी’ नमूना भी पाजीटिव पाया जाता है तो फिर उन पर चार साल का प्रतिबंध लग सकता है। नाडा ने 18 मार्च को मूत्र का नमूना लिया था जब भारतीय टीम मुंबई में राष्ट्रीय शिविर में थी। शिविर के दौरान सभी खिलाडिय़ों के नमूने लिये गये थे। 

उन्होंंने कहा कि असल में मैं इससे काफी हैरान हूं। बहुत कम फुटबाल खिलाड़ी डोप परीक्षण में नाकाम रहते हैं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि उनके जैसा खिलाड़ी डोप परीक्षण में नाकाम रहेगा। वाडा के नियमों के अनुसार राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) को डोप परीक्षण के बारे में खिलाड़ी और महासंघ दोनों को सूचित करना होता है। खिलाड़ी के पास ‘बी’ नमूने के परीक्षण का आग्रह करने का अधिकार होता है। ‘बी’ नमूने का परीक्षण लंबित होने तक वह अस्थायी तौर पर निलंबित रहेंगे। वाडा के नए नियमों के अनुसार पहली बार डोपिंग में पकड़े जाने वाले खिलाड़ी को अधिकतर चार साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा।  
 


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