रैंडम फिटनेस परीक्षण बना भारतीय क्रिकेट टीम का नया मंत्र

punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2017 - 08:39 AM (IST)

दांबुला:  भारतीय क्रिकेट टीम के अनुकूलन कोच शंकर बासु ने किसी भी श्रृंखला के दौरान खिलाड़ियों की चपलता बनाये रखने के लिए रैंडम फिटनेस परीक्षण को जरूरी बना दिया है।  हर अभ्यास सत्र से खिलाड़ियों को उनकी विशेषता (बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण) से जुड़े अभ्यास के बाद उन्हें कड़े ट्रेनिंग ड्रिल्स से गुजरना होता है जिसके तहत किसी खिलाड़ी या कुछ खिलाड़ियों के दल को चुना जाता है।  खिलाड़ियों की फिटनेस को तय करने वाले यो-यो परीक्षण बासु की परियोजना है। इसी के तहत युवराज सिंह को एक दिवसीय टीम से बाहर करने की बात कही जा रही है। 

श्रीलंका दौरे पर फार्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को दो बार इस टेस्ट से गुजरते हुए देखा गया। पहली बार एसएससी में दूसरे टेस्ट से पूर्व उन्होंने रविचंद्रन अश्विन और चेतेश्वर पुजारा के साथ इस परीक्षण में हिस्सा लिया और फिर दांबुला एकदिवसीय से पहले कप्तान विराट कोहली और केएल राहुल के साथ। पूर्व कप्तान और विकेटकीपर एमएस धोनी को भी शुक्रवार को अभ्यास सत्र के बाद इस परीक्षण से गुजरते देखा गया था।  

धवन ने कहा कि फिटनेस का मुद्दा हमारे लिए हमेशा अहम रहा है, लेकिन अब ये बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि टीम के सभी खिलाड़ियों को एक समान फिट रहना होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रिकेट की तीनों विधाओं में फिटनेस काफी जरूरी है। एक खराब क्षेत्ररक्षण खेल का रख बदल सकता है। टीम प्रबंधन द्वारा लागू की गई इस फिटनेस व्यवस्था को उन्होंने सही करार देते हुए कहा कि आज का क्रिकेट दस वर्ष पहले खेले जाने वाले क्रिकेट से काफी बदल गया है। पहले चीजें अलग थी लेकिन अब खेल में काफी तेजी आई है और आपको फिट रहना होगा। हमसे ऐसी उम्मीद करना उचित भी है। अगर आप फिट नहीं हैं तो टीम को आपका बोझ उठाना पड़ता है जो टीम के लिए ठीक नहीं है।  

शिखर ने कहा कि फिटनेस ऐसी चीज है जिस पर सिर्फ भारतीय टीम ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी हर अंतरराष्ट्रीय टीम ध्यान दे रही है। उनके लिए फिटनेस का पैमाना तय है और अब हमारे लिए भी फिटनेस का पैमाना तय है। हमारे पास कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं, अगर किसी को कुछ होता है तो दूसरा उसके स्थान को लेने के लिए तैयार रहता है। इससे टीम का संतुलन बना रहता है। अगर हमारे पास बाहर जाने वाले खिलाड़ी के स्तर की प्रतिभा नहीं है तब भी हम जानते हैं कि फिटनेस से उसे बराबर कर लेंगे।  धवन ने कहा कि जब हमें पता है कि हमारे पास मजबूत बेंच स्ट्रैंथ है तो क्यों ना खिलाड़ियों पर और ज्यादा जिम्मेदारी दी जाए ताकि वे टीम के लिए और योगदान दे सकें।


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