लुईस ओलिम्पिक में शुरू हुई पदक देने की परंपरा

punjabkesari.in Saturday, Aug 13, 2016 - 07:52 AM (IST)

नई दिल्ली: खिलाडिय़ों को पदक देने की शुरूआत सेंट लुईस ओलिम्पिक (1904) में शुरू हुई। यह पहला अवसर था कि  पहले 3 स्थानों पर आने वाले खिलाडिय़ों को स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक दिए गए। 

 

लंदन ओलिम्पिक से ही इन खेलों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। यह पहला अवसर था कि उक्त खेल यूरोप से बाहर आयोजित किए गए। इस ओलिम्पिक में 12 देशों के 651 खिलाडिय़ों ने 16 खेलों के 91 मुकाबलों में भाग लिया था। अमरीकी जिम्नास्ट जॉर्ज आइजर ने लकड़ी की कृत्रिम टांग के सहारे 6 पदक जीते थे। जिनमें 3 स्वर्ण, 2 रजत व 1 कांस्य पदक शामिल था। इसी दौरान मुक्केबाजी व कुश्ती (फ्री स्टाइल) को पहली बार ओलिम्पिक में शामिल किया गया।  

 

1908 (लंदन ओलिम्पिक) को आधुनिक युग के सबसे लंबे खेलों के रूप में जाना जाता है। यह खेल 187 दिन चले थे। इसमें 22 देशों के 2008 खिलाडिय़ों ने 22 खेलों को 110 मुकाबलों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी। इटली में होने वाली इस ओलिम्पिक को ज्वालामुखी फटने के चलते लंदन में परिवर्तित किया गया था।  लंदन ओलिम्पिक को अंतराष्ट्रीय पहचान उस समय मिली जब पहली बार इस ओलिम्पिक में राष्ट्रीय ध्वज शामिल किए गए।


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