लालू के पास हैं अब 4 विकल्पः JDU में सेंध लगाने की करेंगे कोशिश

punjabkesari.in Friday, Jul 28, 2017 - 09:53 AM (IST)

पटनाः बृहस्पतिवार सुबह नीतीश कुमार ने भले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली हो लेकिन उन्हें शुक्रवार तक बहुमत साबित करना होगा। 243 सदस्यीय विधानसभा में उन्हें बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। जनता दल-यू के पास 71 और भाजपा के पास 58 विधायक हैं यानी दोनों के कुल विधायकों की संख्या 129 है। ऐसे में लालू जनता दल-यू के कुछ विधायकों को तोड़कर नीतीश को बहुमत साबित करने से रोक सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक जद-यू के यादव और मुस्लिम विधायकों से बात भी हो रही है। राजद 81 व कांग्रेस के 27 विधायकों को मिलाकर उनकी संख्या 107 हो जाती है। ऐसे में लालू नीतीश को बहुमत साबित करने से रोकने की पूरी कोशिश करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं लालू
लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव का आरोप है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए नहीं बुलाया। लालू ने रांची में प्रैस कांफ्रैंस को संबोधित करते हुए संकेत दिए कि इस मसले पर वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और न्याय के लिए हर स्तर पर प्रयास करेंगे।

महागठबंधन की करेंगे कोशिश
लालू प्रसाद यादव पहले से ही नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ  मोर्चा खोले हुए हैं। अब नीतीश भी राजग में शामिल हो गए हैं। ऐसे में लालू यू.पी. में सपा और बसपा के साथ-साथ टी.एम.सी. और दूसरे दलों को साथ लाने की कोशिश तेज करेंगे। वह मायावती और अखिलेश को साथ लाने की बात कई बार कर चुके हैं। वह कुछ और दलों को जोड़कर नरेंद्र मोदी के खिलाफ  मुहिम चला सकते हैं।

बिहार की अस्मिता और ‘एम’ व ‘वाई’ कार्ड
राष्ट्रपति चुनाव में मीरा कुमार को नीतीश कुमार ने समर्थन नहीं दिया था। उस समय लालू ने इसे बिहार की अस्मिता से जोड़ा था। अब गठबंधन टूटने के बाद लालू इसे और हवा दे सकते हैं। साथ ही मुस्लिम और यादव कार्ड पर एक बार फिर नए सिरे से प्रयास कर सकते हैं। हालांकि अभी भी यादवों और मुस्लिमों का एक बड़ा तबका लालू प्रसाद यादव के साथ जुड़ा हुआ है।


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