चीन को खटक रही भारत-भूटान की दोस्ती,  दरार की कोशिशें नाकाम

punjabkesari.in Monday, Aug 21, 2017 - 02:00 PM (IST)

वॉशिंगटनः भारत-चीन के बीच चल रहे डोकलाम विवाद पर अमरीका पैनी नजर रखे हुए है। अमरीकी अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक भूटान ने अपने पड़ोसी तिब्बत पर चीन का कब्जा होते देखा है, इसलिए वह डोकलाम मामले में शुरू से भारत के साथ है। NYT में छपे आर्टिकल में ये भी कहा गया है कि डोकलाम के पठार को लेकर जारी इस गतिरोध का कारण चीन का अतिक्रमण है।

चीन किसी भी तरह भारत और भूटान की दोस्ती में खलल पैदा करना चाहता है, लेकिन फिलहाल उसकी कोई साजिश वहां कामयाब होते नहीं दिखती, क्योंकि भूटान भारत के साथ खड़ा है। चीन 1998 से लगातार भूटान के साथ किसी न किसी तरह का रिश्ता जोड़ने की कोशिशें कर रहा है। लेकिन बीते 19 साल में भूटान को लुभाने की उसकी हर कोशिश नाकाम रही है। "भूटान की नैशनल असैंबली में विपक्ष के नेता पेमा ग्यामत्शो कहते हैं कि अगर भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ तो हम सैंडविच की तरह हो जाएंगे। इस स्थिति में भूटान के लिए कोई विकल्प की बात नहीं होनी चाहिए। भूटान के संबंध भारत से भी हैं और चीन से भी, लेकिन यह वक्त अलग है। पिछले कई दशकों से भूटान ने भारत की दोस्ती स्वीकार की है।

न्यूयॉर्क टाइम्स में छपे  आर्टिकल Squeezed by an India-China Standoff, Bhutan Holds Its Breath में स्टीवन ली मेयर्स ने लिखा है, ''भारत के लिए भूटान स्ट्रैटजिक तौर पर अहम है, तो भूटान के लिए भारत एक जरूरत की तरह है। भूटान बिल्कुल नहीं चाहता कि वह अगला तिब्बत बने, इसलिए उसका रुख हमेशा भारत के पक्ष में रहा है। वहां भारतीय सेना की तैनाती उसे चीन से सुरक्षा का अहसास कराती है।'' गौरतलब है कि डोकलाम में भूटान ट्राइजंक्शन के पास चीन एक सड़क बनाना चाहता है। भारत और भूटान इसका विरोध कर रहे हैं। करीब 3 महीने से इस इलाके में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। आर्टिकल में कहा गया है कि भारतीय सेना ने पिछले कई दशकों से भूटान के 'हा' कस्बे में अपनी मिलिट्री एकेडमी बना रखी है। वहां सैनिकों को ट्रेनिंग भी दी जाती है और अच्छी खासी आर्टिलरी भी वहां मौजूद है।  यह कस्बा भूटान-चीन के विवादित बॉर्डर एरिया से सिर्फ 21 km दूर है।

आर्टिकल के मुताबिक, एक तरफ अमरीका और उत्तर कोरिया के बीच जंग की बातें हो रही हैं, तो दूसरी तरफ सबसे ज्यादा आबादी वाले चीन और भारत के बीच संघर्ष के हालात दिख रहे हैं। दोनों देशों के बीच 1962 में सीमा विवाद के कारण जंग हो चुकी है। "भारत और भूटान के दोस्ताना संबंध दशकों पुराने और घनिष्ठ हैं। भारत की मौजदूगी वहां काफी मजबूत है और वह उसे बनाए रखना चाहता है। भारत नहीं चाहता कि चीन इस छोटे-से देश में अपने कदम बढ़ाकर प्रभाव जमाने की कोशिश करे। मुख्य रूप से परमाणु संपन्न दोनों देशों के बीच यह गतिरोध भूटान से लगे क्षेत्र के प्रभुत्व का है। "भारत का कहना है कि भूटान में उसकी यह कार्रवाई चीन के अतिक्रमण के कारण है, इसमें उसे भूटान की कृतज्ञता हासिल करने की मंशा नहीं है। जबकि, दूसरी तरफ कई भूटानी नागरिक महसूस करते हैं कि भारत के सुरक्षा कवच में उनका दम घुटने लगा है।"
 
 


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