इन 10 ASEAN देशों से PM मोदी का है खास रिश्ता, गणतंत्र दिवस के लिए दिया न्यौता

punjabkesari.in Wednesday, Jan 10, 2018 - 12:41 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत का 69वां गणतंत्र दिवस ​​इस बार काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इस समारोह में एक की बजाए दस देशों के नेता मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। 26 जनवरी को भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत और सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करेगा।

साल 1950 के बाद से अब तक सिर्फ 3 बार ऐसा हुआ है जब भारत ने 1 से अधिक मुख्य अतिथियों को गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित किया है। ऐसे में 10 देशों के प्रतिनिधियों का गणतंत्र दिवस पर एक साथ मुख्य अतिथि होना एक ऐतिहासिक अवसर होगा। इन 10 देशों में ब्रुनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और फिलीपींस के नेता शामिल होंगे। आइए नजर डालते हैं इन 10 देशों के साथ भारत के संबंधों पर:-
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भारत ने की फिलीपींस की आर्थिक मदद 
फिलीपींस के राष्ट्रपति रॉबर्ट दुत्रेतो पहली बार भारत यात्रा पर आएंगे। वह भारत के साथ मजबूत संबंधों की वकालत कर चुके हैं। पिछले कुछ समय से भारत के फिलीपींस के साथ संबंध काफी मजबूत हुए। इन दोनों देशों के रिश्तों को तब बल मिला जब भारत फिलीपींस की मदद के लिए आगे आया। भारत ने आतंकी संगठन के खिलाफ ठोस कदम उठाते हुए फिलीपींस को 5 लाख डॉलर की आर्थिक मदद दी। ऐसा पहली बार था जब भारत ने किसी देश को आतंकी समूहों से सुरक्षा के लिए आर्थिक सहायता मुहैया कराई।
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वियतनाम- भारत का घनिष्ट मित्र
एशिया प्रशांत क्षेत्र में स्थित वियतनाम भारत का एक घनिष्ट मित्र राष्ट्र है। चीनी राष्ट्रवादी आकांक्षाओं से निपटने में जटिलताओं के कारण भारत और वियतनाम के बीच रणनीतिक सोच में समानता है। भारत और वियतनाम के बीच जुलाई 2007 में रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने को लेकर समझौता हुआ था। इसके बाद सितम्‍बर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान इसे विस्‍तार दिया गया था। 
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म्यांमार का भारत से पुराना रिश्ता 
पूर्वोत्तर राज्यों मिजोरम,मणिपुर,नागालैंड,और अरुणाचल प्रदेश से सटा म्यांमार वर्षों से भारत के अच्छे पड़ोसी के रूप में जाना जाता है। ब्रिटिश राज्य का हिस्सा होने की वजह से म्यांमार शुरू से ही भारत के करीब रहा है और यही सिलसिला आजादी के बाद भी कायम है। सांस्कृतिक,धार्मिक और आर्थिक स्तर पर दोनों देश एक दूसरे से जुड़े रहे है,और वक्त-वक्त पर भारत ने म्यांमार की मदद भी की है। म्यामां की नेता आंग सान सू ची का भी भारत से पुराना रिश्ता है। 
PunjabKesariभारत-सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत 
भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंध काफी मजबूत हुए हैं। जिसकी पीएम नरेंद्र मोदी भी सराहना कर चुके हैं। दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच प्रतिवर्ष सैन्य अभ्‍यास  भी किया जाता है। इस अभ्‍यास के दौरान समुद्र में विभिन्न अभियानगत गतिविधियों की योजना बनाई जाती है। साल 2003 में भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ था। इसमें सैन्य सहयोग विस्तार, संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण, सैन्य तकनीकी का विकास और समुद्री सुरक्षा को मजबूत बनाना शामिल था। इसी के तहत भारत और सिंगापुर की सेनाएं ‘बबीना’ फील्ड फायरिंग रेंज में संयुक्त युद्धाभ्यास करती हैं।
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थाईलैंड से रिश्ते ​बेहतर कर रहा भारत 
भारत दक्षिण एशिया में अपनी स्थिति और उपस्थिति को बेहतर करने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। रिश्ते मजबूत करने की दिशा में भारत, म्‍यांमार और थाईलैंड के बीच 1400 किलोमीटर का  हाइवे बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। हाइवे बनने से भारतीय सड़क के जरिए थाईलैंड तक का सफर आसानी से तय कर सकेंगे। वहीं थाईलैंड और भारत का संबंध प्राचीन समय से रहा है। वहां मिले मंदिरों के अवशेष इसकी कहानी बयां करते हैं। थाईलैंड में भी रामायण का पाठ होता है।
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मलेशियाई के पीएम भारत का कर चुके हैं दौरा
मलेशिया के साथ भारत के सभ्यतागत और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। वहां एक बड़े भारतीय समुदाय का विशेष योगदान है। मलेशियाई कंपनियां भारत के विभिन्न राज्यों में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में काम कर रही हैं। भारतीय कंपनियों ने भी बड़े पैमाने पर मलेशिया की अर्थव्यवस्था में निवेश किया है। मलयेशियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद नजीब बिन तुन अब्दुल रजक 2017 में भारत का दौरा कर चुके हैं। 
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भारत ने लाओस को दिया सहयोग
भारत और लाओस के बीच संबंध 2000 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। भारत ने मानव संसाधन विकास, कृषि, सिंचाई और बिजली के क्षेत्र में लाओस को अकसर सहयोग दिया है। भारत और लाओस सरकार के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना 1956 में हुई थी। जिसके बाद इन दोनों देशों के बीच कई उच्च स्तरीय यात्राएं हो चुकी है।

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भारत के साथ इंडोनेशिया के व्यावसायिक संबंध मजबूत
वियतनाम, सिंगापुर और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देशों के बाद भारत अब इंडोनेशिया के साथ सैन्य संबंधों को आगे बढ़ रहा है। दोनों देश समुद्री सुरक्षा सहयोग को भी गहरा करने पर विचार कर रहे हैं। साउथ ईस्ट एशिया में इंडोनेशिया आज सबसे महत्वपूर्ण देश है। भारत के साथ इंडोनेशिया के व्यावसायिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। 
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भारत के दुश्मन के साथ कंबोडिया के राजनीतिक संबंध
कंबोडिया के साथ चीन के सबसे करीबी राजनीतिक संबंध है। कंबोडिया पर चीन का बड़ा आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव है। कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन ने हाल ही में चीन को कंबोडिया का सबसे भरोसेमंद दोस्त कहा था। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी पिछले वर्ष कंबोडिया के राजा नोरोडोम सिहामोनी की चीन यात्रा के दौरान उन्हें अपने भाई की तरह बताया था। 
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ब्रुनेई ने तेजी से किया विकास
दक्षिण पूर्वी एशिया के छोटे से देश ब्रुनेई ने तेजी से विकास किया। तेल संपदा के चलते 5,765 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला देश काफी आगे निकल गया। नई दिल्ली ब्रुनेई से बड़ी मात्रा में तेल और प्राकृतिक गैस खरीदता है। ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्कियाह की गिनती दुनिया के सबसे रईस लोगों में से होती है। 


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