यहां जो भी गया, कभी लौट कर नही आया! (खौफनाक जगह की तस्वीरें)

punjabkesari.in Tuesday, Jul 21, 2015 - 01:33 PM (IST)

नई दिल्लीः दुनियाभर में ऐसी बहुत सारी जगहें हैं, जहां आज भी लोग जाने से कतराते हैं। रूस के उत्तरी ओसेटिया के सुदूर वीराना इलाके में एक ऐसा ही गांव है, जिसका नाम ‘दर्गाव्स’ है।

इस जगह को ‘सिटी ऑफ़ द डेड’ यानी ‘मुर्दों के शहर’ के नाम से भी पहचाना जाता है। 5 ऊंचे पहाड़ों से घिरी इस जगह पर सफ़ेद पत्थरों से बनी कई तहखाना नुमा इमारते हैं। इनमें से कुछ इमारतें तो 4 मंज़िल से भी ऊंची हैं।

इन सभी इमारतों की हर मंज़िल पर इंसानों के शव दफ़न हैं जो इमारत जीतनी ऊंची है, उसमें उतने ही ज़्यादा शव दफ़नाए गए हैं। ये सभी कब्रें लगभग 16वीं शताब्दी से संबंधित हैं, जहां आज भी उस समय के लोगों के शव दफ़न हैं। यहां की हर इमारत एक परिवार विशेष से संबंधित है, जिसमें केवल उसी परिवार के सदस्यों को दफनाया गया है।

इस जगह पर रहने वाले लोगों का मानना है कि पहाड़ियों पर मौजूद इन इमारतों में जाने वाला कोई भी व्यक्ति कभी वापस लौट कर नहीं आता। शायद इन्हीं मान्यताओं के चलते यहां मुश्किल से ही कुछ टूरिस्ट पहुंचते हैं हांलाकि इस जगह पर पहुंचना किसी बच्चे का खेल नहीं है क्योंकि पहाड़ियों के बीच सकरे रास्तों से होकर इस जगह तक पहुंचने में काफ़ी समय लगता है और यहां का मौसम इस रास्ते को और भी मुश्किल बना देता है।

पुरातत्वविदों ने यहां कुछ ऐसी खोजें भी की हैं जो आज भी एक रहस्य बनी हुई हैं। पुरातत्वविदों का कहना है कि यहां दफ़न शवों को नाव के आकार वाले लकड़ी के बक्से में दफ़नाया गया है हांलाकि यह अभी भी एक रहस्य बना हुआ है कि आस-पास नदी मौजूद न होने के बावजूद भी यहां तक ये नाव कैसे पहुंची। नाव के आकार वाले बक्से में शव को दफ़न करने के पीछे यह मान्यता रही है कि आत्मा को स्वर्ग तक पहुंचने के लिए नदी पार करनी होती है, इसीलिए शवों को नाव वाले लकड़ी के बक्सों में दफ़नाया गया होगा।

वहीं, पुरातत्वविदों को हर तहखाने के सामने कुआं भी मिला है, इस कुएं के संबंध में यह कहा जाता है कि अपने परिजनों को दफ़नाने के बाद लोग कुएं में सिक्का फेंकते थे। अगर सिक्का तल में मौजूद पत्थरों से टकरता, तो इसका अर्थ माना जाता था कि आत्मा स्वर्ग तक पहुंच गई।

 


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