सीवी और रिज्यूमे में फर्क देखें

punjabkesari.in Saturday, Jul 22, 2017 - 06:18 PM (IST)

नई दिल्ली : सीवी में शिक्षा और अन्य खूबियां जिनमें आपको मिले अवार्ड हॉनर्स प्राइज को शामिल किया जाता है। आज के बढ़ते बाजार को दौर में  जब  भी किसी नई जगह नौकरी के लिए आवेदन करते है तो जॉब मार्केट में सीवी या रिज्यूमे ही कैंडिडेट का चेहरा होते हैं। एम्प्लॉयर इसमें जो पढ़ते हैं उसी के आधार कैंडिडेट की इमेज बनाते हैं और कैंडिडेट को सिलेक्ट या रिजेक्ट करने की सोचते हैं। इसलिए इसे फर्स्ट इम्प्रेशन माना जा सकता है लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कैंडिडेट इसे सीरियसली नहीं लेते। बस जैसे-तैसे बनाकर इसे कंपनी में दे आते हैं। जॉब के लिए अप्लाई कर रहे लोगों में बहुत से ऐसे होते हैं जिन्हें यह भी नहीं पता होता कि बायोडाटा, सीवी और रिज्यूमे में से उन्हें किस जॉब के लिए क्या भेजना है। इसका एम्प्लॉयर पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता। सीवी और रिज्यूमे का सही फॉर्मेट क्या होता है और क्यों, कैसे उसे लगातार अपडेट करते रहना चाहिए।

सीवी 
सीवी का फुलफॉर्म होता है, करिकुलम वीटा। इसका मतलब है- कोर्स ऑफ लाइफ। इसमें कैंडिडेट को अपने एकैडमिक्स और प्रोफैशन के अभी तक के सफर को बताना होता है। सीवी में एम्प्लॉयर एकेडिमिक्स पर ज्यादा ध्यान देता है। इसमें ज्यादातर वही डीटेल्स भरी जाती हैं जो पूरी हो चुकी हैं। सीवी में करियर, ऑब्जेक्टिव, एजुकेशनल, अकैडमिक डीटेल, टेक्निकल स्किल्स, स्ट्रेंथ-वीकनेस, अकैडमिक ऑनर्स और अवॉर्ड शामिल होने चाहिए। यह ग्रैजुएट्स, करियर फील्ड बदलने वाले और अकैडमिक पोजिशंस में अप्लाई करने वाले लोगों के लिए उपयुक्त रहती है।

रिज्यूमे 
रिज्यूमे एक फ्रेंच भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है 'समरी'। यह कैंडिडेट को नौकरी देने के लिए बैकग्राउंड और स्किल की डीटेल का फॉर्मैट होता है। इसमें एकैडमिक्स के साथ एक्स्ट्रा करिकुलर ऐक्टिविटीज को शामिल किया जाता है। रेज्यूमे फॉर्मैट सीवी की तुलना में थोड़ा छोटा होता है और ज्यादातर इसमें ऐसी जानकारी शामिल होती हैं जो पूरी हो चुकी हों। रेज्यूमे एक से डेढ़ पेज का अच्छा माना जाता है।

 


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