इन बातों का ध्यान रखकर,सीख सकते है जल्द इंग्लिश बोलना

punjabkesari.in Monday, Dec 04, 2017 - 01:49 PM (IST)

नई दिल्ली: अग्रेंजी एक ऐसा भाषा है जो काम में मदद तो करती है। साथ ही, अंग्रेजी बोलने पर अच्छा इम्प्रेशन भी पड़ता है। हालांकि, आज भी कई लोग इसे मुश्किल भाषा मानते हैं और इससे बचते हैं। ये इतनी मुश्किल नहीं है कि इसे सीखा ना जा सके। थोड़ी सी मेहनत और टाइम देकर आप अंग्रेजी को को आसानी से सीख सकते हैं। हम आपको बता रहे हैं कुछ एेसी ही बातों के बारे में जिन पर ध्यान देने से आप आसानी से इंग्लिश सीख सकते हैं। 

 

अग्रेंजी को सीखने के लिए अपने आस पास इसका महौल बनाए इंग्लिश न्यूजपेपर, इंगलिश गाने हॉलीवुड मूवी इंगलिश मैगजीन को पढ़े। इससे अग्रेंजी बेहतर करने में मदद मिलती हैं

शुरु में इंग्लिश बोलने में काफी गलतियां हो सकती हैं। इसलिए जरुरी है कि आप इस पर ध्यान ना  दे क्योंकि सही गलत की सोच आप का काफिडेंस कम कर सकती है। 

अग्रेंजी पढ़ने के दौरान अापको शब्दों को बोलना चाहिए।एेसा  करने से शब्दों का सही प्रनाउंसेशन सीखते हैं। शब्द याद होते है और यो प्रोसेस इंग्लिश सीखने में काफी मददगार हैं। 

एेसे लोगों से अग्रेंजी में ज्यादा बात करें जिन्हें अग्रेंजी बोलनी आती हैं या जो अंग्रेजी सीख रहे हैं। लगातार इंग्लिश में बात करने से आपमें कॉन्फिडेंस  बढ़ता है। 

इंग्लिश और हिंदी न्यूजपेपर में कई खबर एक जैसी होती है। एेसे में इंग्लिश  न्यूज पेपर की खबरों को ट्रांसलेट करें और हिंदी न्यूजपेपर से मिलाए। एेसा करने से आप कई जरिए स्पेलिंग और स्टाईल सीखेगे। 

इंग्लिश बोलने के लिए आपको शब्दों का ज्ञान होना चाहिए जैसे जैसे शब्दों का ज्ञान बढ़ता जाएगा अापकी इंग्लिश बेहतर होता जाएगा। 

आप फ्लो में इंग्लिश बोल रहे है या नहीं इसका पता मिरर के सामने खड़े होकर लगा सकते है। मिरर में खुद को देखते हुए इंग्लिश बोले। इससे आपका कॉन्फिडेस बढ़ेगा। 

अंगेजी एेसी भाषा हैं जिसे लिखने से ज्यादा बोलना आसान हैं। क्योंकि इंग्लिश बोलने के लिए आपको किसी ग्रामर की जरुरत नहीं होती। दूसरी तरफ लिखते समय ग्रामर के साथ स्पेलिंग भी सही होना जरुरी है।

इंग्लिश मुश्किल ना लगे इसलिए इसे हिंदी की तरह समझें। जिस तरह हिंदी बोलने के लिए हमें सोचना नहीं पड़ता, ठीक उसी तरह अग्रेंजी को बोलना होगा।आप अंग्रेजी बोलने के लिए जितना सोचगें यह उतनी ही मुश्किल होती जाएगी।

कई लोगों का मानना होता है कि इंग्लिश बोलने के लिए ग्रामर की जरुरत होती हैं।जबकि एेसा बिल्कुल भी नहीं है। जैसे हम हिंदी दूसरों से सुनकर सीख लेते है वैसे ही अग्रेंजी भी दूसरों से सुनकर ही सीखें। इसे ग्रामर से नहीं जोड़े । ग्रामर की जरुरत लिखने के समय होती हैं।


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