अच्छा मुनाफा कमाने के लिए ऑफिस का चुनाव और उसकी सजावट पर दें ध्यान
punjabkesari.in Friday, Jun 30, 2017 - 10:26 AM (IST)
आजकल व्यावसायिक गतिविधियां मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में ऑफिस बनाकर संचालित की जाती हैं। हर व्यवसाय में जबरदस्त काम्पीटिशन के कारण सफलता पाने के लिए हर उद्यमी को बहुत जद्दोजहद करनी पड़ती है। इसलिए व्यवसाय में सफलता पाने के लिए ऑफिस का निर्माण और उसकी साज-सज्जा वास्तुशास्त्र के सिद्धान्तों के अनुसार करनी चाहिए। जो ऑफिस वास्तु अनुकूल नहीं होते हैं, उनमें कार्य करने वाले व्यक्तियों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहता है। आपस में विवाद होते रहते हैं। इसके अलावा ऑफिस में कई प्रकार की समस्याएं चलती रहती हैं। इसके विपरीत जो ऑफिस वास्तु अनुकूल होते हैं, वहां का वातावरण खुशनुमा रहता हैै। वहां कार्यरत व्यक्ति तनाव मुक्त रहते हैं। उनकी कार्यक्षमता अच्छी होती है। वे मिल-जुल कर काम करते हुए प्रसन्न रहते हैं और समय-समय पर योग्यतानुसार प्रमोशन एवं लाभ भी प्राप्त करते हैं। उद्यमी भी सरलता से अपना व्यवसाय करते हुए अच्छा मुनाफा कमाता है। वास्तुनुकूल ऑफिस का चुनाव और उसकी सजावट कुछ इस तरह करनी चाहिए -
ऑफिस का ईशान कोण ढंका, दबा, कटा और गोल नहीं होना चाहिए तथा नैऋत्य कोण भी बढ़ा हुआ नहीं होना चाहिए। इन वास्तुदोषों के कारण ऑफिस से संचालित होने वाली गतिविधयों में कभी भी सफलता नहीं मिल सकती।
ऑफिस का प्रवेशद्वार व उसके अन्दर बनने वाले कमरों के द्वार पूर्व, ईशान, दक्षिण आग्नेय, पश्चिम वायव्य और उत्तर ईशान में से ही कहीं रखना शुभ होता है। इन स्थानों पर द्वार होने से कमरों में लगने वाला फर्नीचर स्वतः ही वास्तुनुकूल स्थान पर रखा जाता है। प्रवेश द्वार या कमरों के द्वार पूर्व आग्नेय, दक्षिण नैऋत्य, पश्चिम नैऋत्य या उत्तर वायव्य में हो तो उस ऑफिस में विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ऑफिस के फ्लोर का लेवल समतल होना चाहिए। फ्लोर का लेवल ऊंचा-नीचा हो तो ऑफिस की उत्तर दिशा, ईशान व पूर्व दिशा का भाग दक्षिण दिशा, नैऋत्य एवं पश्चिम दिशा की तुलना में नीचा होना शुभ होता है। उत्तर दिशा, ईशान कोण व पूर्व दिशा के ऊंचें होने से निश्चित हानि होती है।
ऑफिस के बाहर लकड़ी, प्लास्टिक या किसी धातु से बना खूबसूरत साइनबोर्ड अवश्य लगाना चाहिए, जो आने-जाने वालों को अच्छी तरह दिखाई दे। आकर्षक साइनबोर्ड लगाने से ऑफिस की प्रसिद्धि में वृद्धि होती है। साईन बोर्ड ब्ल्यू, ब्लैक या ग्रे कलर से न बनाएं। बेतहर होगा लाल, केसरिया, हल्का पीला या इसी से सम्बंधित कलर का उपयोग करें। इसी प्रकार ऑफिस के अन्दर मुख्यद्वार के सामने की दीवार पर ब्ल्यू, ब्लैक या ग्रे रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए।
ऑफिस में बने सभी कमरे वर्गाकार या आयताकार होने चाहिए। टेबल इस प्रकार रखी जानी चाहिए कि उस पर कार्य करने वाला दरवाजे से अन्दर प्रवेश करने वाले को भली-भांति देख सके। कभी भी ऑफिस में दरवाजे के ठीक सामने टेबल नहीं रखनी चाहिए, इससे कर्मचारी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
ऑफिस की टेबल का वर्गाकार या आयताकार होना अच्छा रहता है। फेंगशुई के अनुसार अष्ट कोणीय या वर्गाकार टेबल भी शुभ मानी जाती है। टेबल का आकार कक्ष के आकार के अनुपात में न बहुत छोटा हो न बहुत बड़ा, बहुत बड़ा होने से वहां कार्य करने वाला हमेशा थकान महसूस करता है, और बहुत छोटी टेबल आत्मविश्वास में कमी लाती है।
यदि ऑफिस में फाइल रखने के लिए अलग से कक्ष की आवश्यकता हो, तो यह कक्ष ऑफिस के नैऋत्य कोण में बनाना चाहिए। यदि नैऋत्य में सम्भव न हो तो दक्षिण या पश्चिम दिशा में कहीं भी बना सकते हैं। ऑफिस के किसी भी कक्ष में कम्प्यूटर ईशान कोण में नहीं रखना चाहिए। फाइल, स्टेशनरी व अन्य सामान रखने की अलमारियां प्रत्येक कक्ष की दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखनी चाहिए। ऑफिस का सर्वर रूम हमेशा नैऋत्य कोण में ही बनाना चाहिए।
ऑफिस स्टाफ के लिए मनोरंजन कक्ष वायव्य दिशा में होना चाहिए। पीने के पानी की व्यवस्था, वाॅटर कूलर उत्तर या पूर्व में रखे जा सकते हैं। किचन या पेंट्री की व्यवस्था उत्तर दिशा के मध्य में, आग्नेय कोण या पश्चिम दिशा के मध्य में कहीं भी की जा सकती है।
मार्केटिंग व सेल्स विभाग अर्थात् आउटडोर काम करने वाले कर्मचारियों का कक्ष वायव्य कोण में बनाना शुभ होता है।
केशियर का कक्ष ऑफिस की उत्तर दिशा में इस प्रकार होना चाहिए कि, केशियर मुख्य द्वार से प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर दृष्टि रख सकें।
अधिकारियों के कक्ष के साथ यदि टाॅयलेट हो, तो ध्यान रहे वह ईशान कोण में नहीं होना चाहिए। ऑफिस में टाॅयलेट ब्लाॅक ईशान कोण को छोड़कर कहीं भी बनाया जा सकता है।
ऑफिस की दीवारों व पर्दों के रंग हल्के रंग के होने चाहिए। इससे वहां कार्यरत कर्मचारियों के दिमाग में शान्ति रहती है। गहरे रंग उग्रता लाते हैं।
ऑफिस के किसी भी कमरे की दीवारों एवं परदों पर कहीं भी हिंसक पशु-पक्षियों के, उदासी भरे, रोते हुए, डूबते हुए सूरज या जहाज के, ठहरे हुए पानी की तस्वीरें, पेंटिंग या मूर्तियां न लगाए, यह कर्मचारियों के जीवन में निराशा पैदा करती हैं। जिससे कार्य-क्षमता प्रभावित होती है।
ऑफिस में किसी भी प्रकार की बन्द पड़ी घड़ी, टेलीफोन, फैक्स, स्केनर, फोटोकाॅपी मशीन इत्यादि नहीं होने चाहिए। यह बंद पड़ी चीजें तरक्की में बाधा पैदा करती हैं।
वास्तुगुरू कुलदीप सलूजा
thenebula2001@gmail.com