राम रहीम के डेरे में नपुंसकों का चंडीगढ़ में होगा इलाज

punjabkesari.in Saturday, Sep 09, 2017 - 09:39 AM (IST)

चंडीगढ़, (अर्चना सेठी): गुरमीत राम रहीम के सिरसा डेरे में कैस्ट्रैशन (नपुंसक) बनाए गए पुरुषों की मदद के लिए चंडीगढ़ की एक संस्था सामने आई है। सोशल राइट फाऊंडेशन ने नपुंसक बनाए गए पुरुषों को हार्मोन  थैरेपी और दवाओं के दम पर क्वालिटी लाइफ देने का दावा किया है। 

फाऊंडेशन का कहना है कि उनकी संस्था न सिर्फ कैस्ट्रैशन के शिकार हुए पुरुषों का इलाज करेगी बल्कि यह भी आंकलन करेगी कि कैस्ट्रैशन के बाद पुरुषों के शरीर और दिमाग पर इसका कितना असर हुआ है। पुरुषों के इलाज के लिए न सिर्फ एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, सर्जन बल्कि साइकोलॉजिस्ट की मदद भी ली जाएगी। संस्था के डायरैक्टर की मानें तो उन्होंने कैस्ट्रैशन के शिकार पुरुषों को चंडीगढ़ आने के लिए आमंत्रित कर दिया है। उन सबके चंडीगढ़ आने पर चैकअप किया जाएगा और जांच के आधार पर तय किया जाएगा कि उन्हें किस तरह का ट्रीटमैंट दिया जाना है। 

एक तरफ जहां चंडीगढ़ की संस्था ने आश्रम में नपुंसक बनाए गए पुरुषों की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है, वहीं दूसरी तरफ पी.जी.आई. चंडीगढ़ के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग ने खुलासा किया है कि डेरे में नपुंसक बनाए गए पुरुषों ने पी.जी.आई. से भी इलाज के लिए मदद मांगी थी। 
चौंकाने वाला यह सच भी सामने आया है कि पुरुषों के अंगों को बुरी तरह से काटा गया था, सिर्फ टैस्टीकल ही नहीं बल्कि पूरी यूरेथरल ट्यूब ही काट दी गई थी। पी.जी.आई. ने तीन साल पहले डेरे में कैस्ट्रैशन का शिकार होने वाले पुरुषों ने एंडोक्राइनोलॉजी विभाग से पूछा था कि क्या आज भी उन्हें पुरुष कहा जा सकता है या उनका शरीर महिला का बन चुका है। 

पी.जी.आई. ने उन्हें हार्मोन थैरेपी देने की बात कही थी परंतु वह तीनों फिर कभी पी.जी.आई. वापिस लौट कर नहीं आए। पी.जी.आई. का भी कहना है कि अगर डेरे में कैस्ट्रैशन का शिकार होने वाले पुरुष ट्रीटमैंट लेते हैं तो उन्हें क्वालिटी लाइफ मिल सकती है बशर्ते उन्हें ताउम्र थैरेपी पर रहना होगा।

पीड़ितों की पहचान नहीं की जाएगी उजागर
सोशल राइट फाउंडेशन संस्था के डायरेक्टर डॉ. संजीव भाटिया ने कहा कि कैस्ट्रैशन का शिकार होने वाले पुरुषों की पहचान को छिपाकर रखा जाएगा और उन्हें हार्मोनल थैरेपी दी जाएगी ताकि कैस्ट्रैशन के बाद उनके शरीर में जो बदलाव आ रहे हैं उन्हें कंट्रोल किया जा सके। कैस्ट्रैशन के बाद शरीर में हार्मोन सीक्रेशन प्रभावित हो जाती है। कैस्ट्रैशन के बाद टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की सीक्रेशन रूक जाती है और ऐसे पुरुषों में महिलाओं वाले फीचर्स डिवैल्प होने लगते हैं। अगर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन हार्मोन उन्हें दिए जाएं तो उनके चेहरे पर फिर से दाढ़ी, मूंछ आ जाएगी। उनकी आवाज में आया भारीपन हलका होने लगेगा। सिर्फ इतना ही नहीं उन सब की काऊंसलिंग भी करवाई जाएगी ताकि उनके दिमाग में कैस्ट्रैशन के बाद हावी होने वाले डिप्रैशन को भी हलका किया जा सके। 

हंसराज चंडीगढ़ आकर लेंगे ट्रीटमैंट  
राम रहीम के डेरे में कैस्ट्रैशन का शिकार होकर नपुंसक बनने वाले हंसराज चौहान ने चंडीगढ़ आकर अपना ट्रीटमैंट करवाने की ठान ली है। हंसराज का कहना है कि राम रहीम के डेरे ने उसका जीना बदल कर रख दिया है और उस डेरे ने ही उसकी पहचान छीन ली थी। अब चंडीगढ़ की एक संस्था ने उम्मीद दिलाई है। 

तीन पीड़ित तीन साल पहले इलाज के लिए आए थे पी.जी.आई. 
पी.जी.आई. के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के एच.ओ.डी  प्रो.अनिल भंसाली ने कहा कि राम रहीम के डेरे में जिन पुरुषों को नपुंसक बनाया गया था, उनमें से तीन तीन साल पहले पी.जी.आई. में इलाज के लिए आए थे। वे तीनों व्यथित थे। उनका कहना था कि डेरे में उन्हें नपुंसक बना दिया गया है और अब उनमें महिलाओं वाले फीचर्स आना शुरू हो गए हैं। जब उनका चैकअप किया गया तो यही पाया गया था कि सिर्फ टेसटीज ही नहीं बल्कि यूरेथरल ट्यूब आदि तक सर्जरी से निकाल दिया गया था। उन्हें बता दिया गया था कि अब उनके ऑर्गन वापिस तो नहीं लाए जा सकते हैं लेकिन हार्मोन थैरेपी और साइकोलॉजिकल काऊंसलिंग से उन्हें क्वालिटी लाइफ मिल सकती है।


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