डिलीवरी के बाद ठीक इलाज़ न मिलने से माँ की मौत, डाक्टरों पर आरोप

punjabkesari.in Saturday, Sep 02, 2017 - 09:26 AM (IST)

पंचकूला (आशीष) : बेटी को जन्म देने के कुछ देर बाद ही पिजौर निवासी महिला रीमा की पी.जी.आई. ले जाते वक्त  मौत हो गई। रीमा की मौत 5 जून को हुई थी। उसके पति इंसाफ के लिए दो माह से दर दर भटक रहे हैं, लेकिन सी.एम. विडो में भी शिकायत देने के बाद भी निर्णय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शुक्रवार को गुरविन्द्र द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर कमेटी ने दोनों पक्षों को सुना और अब 8 सितम्बर को आने को कहा है। रीमा के पति गुरविन्द्र ने बताया कि 5 जून को उसकी पत्नी रीमा को प्रैगनैंसी के दौरान पंचकूला स्थित सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया था।  

 

6 जून को रीमा ने लड़की को जन्म दिया। इसके बाद उसकी स्थिति बिगड़ गई। डाक्टरों ने उसे पी.जी.आई. रैफर कर दिया। 6 जून की सुबह जब पी.जी.आई. के डाक्टरों ने चैक किया और उसे मृत घोषित कर दिया। गुरविन्द्र ने आरोप लगाया है कि सैक्टर-6 स्थित अस्पताल में नार्मल डिलीवरी होने के बाद भी उसकी पत्नी का ठीक से इलाज नहीं किया गया। इस कारण उसकी मौत हो गई। समय रहते अगर रीमा को सही इलाज मिलता तो वे जिंदा होती। हालत बिगडऩे की स्थिति में आनन- फानन में अस्पताल के डाक्टरों ने उसे पी.जी.आई. रैफर कर दिया। 

 

उन्होंने ने बताया कि अस्पताल प्रबधक अपने उपर किसी भी तरह का कोई इलजाम न आए, इसलिए उसकी पत्नी को पी.जी.आई. रैफर किया गया था। उन्होंने आरोप लगते हुए कहा है कि डाक्टरों की लापरवाही और भी ज्यादा तब हो गई, जब उन्होने नवजात बच्ची को बिना साफ सुथरा किए ही दे दिया। डाक्टरों ने कहा कि इसको अपने आप ही नहला लेना और उनके साथ ही बच्ची को भी पी.जी.आई. के लिए भेज दिया। पी.जी.आई. जाते समय रास्ते में ही बच्ची को उल्टियां भी शुरू हो गई थीं, जिसे समय रहते पी.जी.आई. डाक्टरों की टीम ने दाखिल कर बचा लिया।

 

गुरविन्द्र का कहना है कि इस पूरी मामले की जांच निष्पक्ष हो और डाक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि इंसाफ मिल सके। गुरविन्द्र का कहना है कि पंचकूला अस्पताल प्रबंधक ने ही उसकी पत्नी का पोस्टमार्टम किया था। उन्हे डर है कि कहीं प्रबधक अपने डाक्टरों को सही न ठहरा दें। बच्ची की दादी ने बताया कि गरीब परिवार होने के कारण दोनों बच्चों का पालन इस महंगाई के जमाने में करना आसान नहीं है। बच्चों का पिता और मैं दोनों ही प्राइवेट कार्य करते हैं। छोटी बच्ची की देखभाल करते हुए कार्यालय में भी अधिक छुट्टियां नहीं मिल पाती हैं। बच्ची की दादी ने मांग की है कि नन्ही बच्ची को इंसाफ दिलाया जाए, जिसने उसे उसकी मां छीनी है। अस्पताल प्रबंधक डाक्टर के खिलाफ कारवाई करे ताकि भविष्य मे इस प्रकार की घटना न हो।
 


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