उम्र बड़ी लेकिन जज्बा अभी भी बरकरार, आज पीयू में डिग्री लेंगे यह

punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2017 - 09:48 AM (IST)

चंडीगढ़ : उम्र बढ़ने के बावजूद पढ़ाई को नहीं छोड़ा, कोई रिटायरमेंट के नजदीक पहुंच कर पीएचडी कर रहा है जिसका करियर में अब कोई फायदा नहीं तो काेई अगले साल पीएचडी एनरोलमेंट की तैयारी में है। ऐसे ही कई चेहरे दिखे पीयू की 66 वीं कन्वोकेशन की रिर्हसल के दौरान।

 

50 वर्ष की आयु से अधिक के लोग शामिल :

काम करके सीखा :
पी.यू. में डीन कालेज डिवैल्पमैंट कौंसिल (डी.सी.डी.सी.) के ओ.एस.डी. एवं एस्टेट के डिप्टी रजिस्ट्रार 59 वर्षीय डा. मुनीश्वर जोशी ने लॉ में पीएच.डी. की पढ़ाई पूरी की है। डा. जोशी ने बताया कि उन्होंने 14 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया था।

 

डा. जोशी ने बताया कि मेरी पहली जॉब सेल्स सुपरवाइजर की थी। यह जॉब मैंने सिर्फ सीखने के लिए की थी क्योंकि पिता जी ने सिखाया था कि जितना आप कमाते हैं उतना ही सीखते हैं। उन्होंने ग्रैजुएशन 1975 में पूरी की थी और एम.ए.  इंगलिश की पढ़ाई 1980 में। फिर 2005 में एल.एल.बी., 2008 में एल.एल.एम. की पढ़ाई पूरी की थी। 

 

रिटायरमैंट के बाद सोचा- और पढृूं :
64 वर्षीय टी. आर. सारंगल ने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पीएच.डी. की की है। इससे पहले वह पंजाब में फाइनांस कमीशन में प्रिंसीपल सैक्रेटरी रहे हैं। वह 2013 में रिटायर हो गए थे। इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के बारे में सोचा। सारंगल ने बताया कि उन्होंने एग्रीकल्चर में ग्रैजुएशन की थी और वह टॉपर रहे थे। फिर उन्होंने यू.एस. से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एम.ए. की। अब वह एंथ्रोपॉलाजी की पढ़ाई करेंगे। 

 

1967 में की थी बी.टैक. :
54 वर्षीय हरिंद्र सिंह ने पी.यू. से इंजीनियर में पीएच.डी. की है। वह पॉलीटैक्नीक कालेज बदबार में एच.ओ.डी. हैं। इससे पहले उन्होंने 1967 में बी.टैक. की थी और 2002 में एम.टैक. की थी। 

 

शर्मा ने की पीएच.डी. की पढ़ाई :
64 वर्षीय डा. जे.के. शर्मा ने पीएच.डी. की पढ़ाई पूरी की है। उन्होंने ग्रैजुएशन 1980 में की थी जबकि पोस्ट ग्रैजुएशन एवं एम.एड. 1984 में पूरी कर ली थी। उन्होंने बताया कि वह 2013 में नवोदय विद्यालय शिमला से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि रिटायरमैंट के बाद ही वह अपनी पीएच.डी. की पढ़ाई को समय दे पाए हैं। 

 

ईरान के बहरोज ने की पीएच.डी. :
ईरान के बहरोज खेरी ने पी.यू. कैंपस से इलैक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में पीएच.डी. की है। वह पांच साल से कैंपस में हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री पुणे से की है। बहरोज ने बताया कि वह सत्र 2010 से भारत में हैं लेकिन अब ईरान लौटेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें यूरोप में भी पढ़ाई का मौका मिला था पर वह भारत आने चाहते थे। 

 

कैमिस्ट्री में पीएच.डी. :
47 वर्षीय पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के रीजनल सैंटर में बतौर असिस्टैंट प्रो. काम कर रही है प्रो. अंजु  ने कैमिस्ट्री में पीएच.डी की है। प्रो. अंजु ने  बताया कि उन्होंने 1991 में ग्रैजुएशन पूरी की थी व एम.फिल. 1995 में की। 


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