बिना हैलमेट के टू-व्हीलर चलाने वाली 115 महिलाओं ने गंवाई जान

punjabkesari.in Wednesday, Feb 21, 2018 - 01:00 PM (IST)

चंडीगढ़ (संदीप): शहर में जानलेवा सड़क हादसों का आंकड़ा बढऩे के साथ ही महिलाओं की मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जानलेवा सड़क हादसों का एक मुख्य कारण सिर में गंभीर चोट आना और दोपहिया सवार महिलाओं के हैलमेट न पहनना है। आंकडों पर बात करें तो पिछले 5 साल में करीब 115 महिलाओं को सड़क हादसों में अपनी जान गंवानी पड़ी है। 

 

ऐसे में दोपहिया वाहन पर हैलमेट के बिना चलना महिलाओं के लिए जान जोखिम में डालना है। ट्रैफिक पुलिस की मानें शहर में जागरूकता अभियान चलाकर महिलाओं को हैलमेट पहनने के लिए  जागरूक किया जा रहा है। इस जागरूकता अभियान का असर भी दिख रहा है और महिलाएं हैलमेट पहन रही हैं। 

 

कई राज्यों में महिलाओं के लिए हैलमेट पहनना जरूरी
दिल्ली सहित कई ऐसे राज्य हैं जहां पर महिलाओं के लिए दोपहिया वाहन पर हैलमेट पहनना जरूरी है। जिससे की हादसे के समय सिर पर आने वाली चोट से बचाव हो सके। 

 

कुछ साल पहले चंडीगढ़ में भी दोपहिया वाहन पर महिला को हैलमेट पहनना जरूरी किया गया था, लेकिन बाद में इसका विरोध किए जाने के बाद महिलाओं का दोपहिया वाहन पर हैलमेट पहनना जरूरी नहीं किया गया। हालांकि अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शहर में कई महिलाएं हैलमेट पहन कर ही दोपहिया वाहन ड्राइव करती हैं। 

 

बिखरे कई परिवार 
आंकडो की बात करें तो वर्ष 2013 में जानलेवा सड़क हादसों में 18 महिलाओं को जान से हाथ धोना पड़ा। वर्ष 2014 में हादसों में 26 महिलाओं की मौत हुई। वर्ष 2015 में 13, वर्ष 2016 में 21 और पिछले साल 18 महिलाएं मौत का शिकार हुईं। जिनमें से अधिकतर मामलों में दोपहिया वाहन सवार महिलाओं को हैलमेट न पहनने के चलते गंभीर चोट लगना कारण रहा। 

 

करवाचौथ पर महिलाओं को हैलमेट का तोहफा तक दे चुकी है ट्रैफिक पुलिस 
पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए जहां महिलाएं करवाचौथ का पावन व्रत रखती हैं, वहीं महिलाओं को खुद उनकी सुरक्षा की याद दिलाने और हैलमेट पहनने के लिए प्रेरित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी कई दफा करवाचौथ पर दोपहिया वाहन चलाने वाली महिलाओं को हैलमेट का तोहफा दे चुकी है। जिससे की वे अपने पति के साथ-साथ अपने जीवन की सुरक्षा का भी ध्यान रखें।


ट्रैफिक पुलिस का जागरूकता अभियान रहता है लगातार जारी 
लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए ट्रैफिक पुलिस टीम लगातार अपना जागरूकता अभियान जारी रखती है। स्कूलों और कॉलेजों में जाकर छात्रों को नियमों का पाठ पढ़ाया जाता है। सार्वजनिक स्थानों, चौराहों पर वाहन चलाने वालों को नियमों के बारे जानकारी दी जाती है इसके अलावा लोगों को स्टीकरों के जरिए भी जागरूक किया जाता है। 

 

चौराहों पर स्पीकर में अनाऊंसमैंट कर लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में बताया जाता है। लाइट प्वाइंट पर लगाए गए डिजिटल बोर्ड पर लगातार सड़क पर स्पीड लिमिट और नियमों की जानकारी दी जाती है, इस तरह से ट्रैफिक पुलिस अपनी मुहिम के तहत लगातार लोगों को नियमों का पाठ पढ़ाकर जागरूक करती रहती है। 


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