कॉल ड्रॉप वाले ब्लैक स्पॉट चिह्नित: सिन्हा

punjabkesari.in Friday, Sep 08, 2017 - 04:24 PM (IST)

नई दिल्लीः दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि मोबाइल कॉल ड्रॉप में कमी आई है और दूरसंचार विभाग द्वारा इसकी निगरानी के लिए शुरू की गई आई.वी.आर.एस. सेवा से ऐसे ब्लैक स्पॉट का पता लगाने में मदद मिली है जहां कॉल ड्रॉप की समस्या अधिक है। सिन्हा ने यू.एन.आई. मुख्यालय में वरिष्ठ पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दूरसंचार नियामक ट्राई की हालिया रिपोर्ट में कॉल ड्रॉप में गिरावट की बात कही गई है।

उन्होंने कहा कि कॉल ड्रॉप से निपटने के लिए टेलीकॉम टावर लगाने की जरूरत है ताकि बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके लेकिन, कुछ भ्रांतियों के कारण शहरों, विशेष रूप से महानगरों, में टावर लगाना मुश्किल हो रहा है। यहां तक कि राजधानी के एक प्रमुख गार्डन में प्रबुद्ध लोगों ने टावर लगाने का विरोध किया जिसके कारण वहां टावर नहीं लग सका। उन्होंने बताया कि इस सब के बावजूद पिछले वर्ष जुलाई से इस वर्ष अप्रैल तक देश भर में 3.49 लाख नए टावर लगाए गए हैं। यह सिर्फ एक भ्रांति है कि टेलीकॉम टावर विकिरण फैला रहे हैं।मोबाइल टावर के विकिरण से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) ने इस संबंध में 25 हजार से अधिक अध्ययन किए हैं और किसी भी अध्ययन में इनसे विकिरण के विपरीत प्रभाव का पता नहीं चला है। कुछ न्यायालयों में भी यह मामला गया है और वहां से भी इस पर रोक नहीं लगाई गई है। सिन्हा ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने इस संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाया है और मई माह में तरंग संचार पोर्टल शुरू किया गया है जिससे कोई भी उपभोक्ता अपने क्षेत्र में टावर से होने वाले विकिरण की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है। इसके साथ ही यदि कोई उपभोक्ता अपने घर में टावर के विकिरण के बारे में जानकारी हासिल करना चाहता है तो वह दूरसंचार विभाग में चार हजार रुपये का शुल्क जमा करा कर ऐसा कर सकता है। 


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