‘विश्व भारती’ ने अमर्त्य सेन से शांतिनिकेतन में पट्टे पर ली गई जमीन के कुछ भूखंड सौंपने को कहा
punjabkesari.in Wednesday, Jan 25, 2023 - 12:55 AM (IST)
कोलकाता, 24 जनवरी (भाषा) विश्व भारती ने मंगलवार को नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन से पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन में एक भूखंड को सौंपने का आग्रह किया और दावा किया कि उन्होंने अनधिकृत तरीके से उस हिस्से पर कब्जा किया हैं।
केंद्रीय विश्वविद्यालय के उप पंजीयक द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र में कहा गया है कि प्रसिद्ध अर्थशास्त्री का निवास एक ऐसे क्षेत्र में बनाया गया है, जिसमें अतिरिक्त 13 डिसमिल भूमि शामिल है।
विश्वविद्यालय ने यह भी कहा कि वह अपने प्रतिनिधियों और सर्वेक्षणकर्ता या सेन द्वारा प्रतिनियुक्त सर्वेक्षणकर्ता या अधिवक्ता की निगरानी में संयुक्त सर्वेक्षण करने के लिए तैयार है ताकि दावों को सत्यापित किया जा सके।
पत्र में कहा गया है, "रिकॉर्ड और भौतिक सर्वेक्षण/सीमांकन से यह पता चला है कि विश्व भारती से संबंधित 13 डिसमिल भूमि पर आपका अनधिकृत कब्जा है।"
इसमें कहा गया है, "आपसे अनुरोध है कि उक्त 13 डिसमिल जमीन जल्द से जल्द विश्वविद्यालय को सौंप दी जाए।"
विश्वविद्यालय की प्रवक्ता महुआ बनर्जी ने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता के पिता आशुतोष सेन ने 1943 में विश्वविद्यालय से 125 डिसमिल जमीन पट्टे पर ली थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय के उप पंजीयक द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र में कहा गया है कि प्रसिद्ध अर्थशास्त्री का निवास एक ऐसे क्षेत्र में बनाया गया है, जिसमें अतिरिक्त 13 डिसमिल भूमि शामिल है।
विश्वविद्यालय ने यह भी कहा कि वह अपने प्रतिनिधियों और सर्वेक्षणकर्ता या सेन द्वारा प्रतिनियुक्त सर्वेक्षणकर्ता या अधिवक्ता की निगरानी में संयुक्त सर्वेक्षण करने के लिए तैयार है ताकि दावों को सत्यापित किया जा सके।
पत्र में कहा गया है, "रिकॉर्ड और भौतिक सर्वेक्षण/सीमांकन से यह पता चला है कि विश्व भारती से संबंधित 13 डिसमिल भूमि पर आपका अनधिकृत कब्जा है।"
इसमें कहा गया है, "आपसे अनुरोध है कि उक्त 13 डिसमिल जमीन जल्द से जल्द विश्वविद्यालय को सौंप दी जाए।"
विश्वविद्यालय की प्रवक्ता महुआ बनर्जी ने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता के पिता आशुतोष सेन ने 1943 में विश्वविद्यालय से 125 डिसमिल जमीन पट्टे पर ली थी।
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