हमने न्यूनतम साझा कार्यक्रम की मांग की है: भाकपा (माले)

punjabkesari.in Wednesday, Aug 10, 2022 - 08:55 PM (IST)

कोलकाता, 10 अगस्त (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने बुधवार को कहा कि वह बिहार की नई सरकार को बाहर से समर्थन देने का वादा करने के साथ ही एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम की मांग कर रही है।

बिहार विधानसभा में भाकपा (माले) के 12 विधायक हैं। पार्टी ने कहा कि वह नागरिकों की मांगों और राज्य में नई सरकार के बीच एक सेतु प्रदान करने का काम करेगी।

भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम प्रस्ताव कर रहे हैं कि नई सरकार का एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया जाए।’’ उन्होंने बिहार में नई सरकार को ‘‘बाहर से रचनात्मक और महत्वपूर्ण सहयोग’’ देने का वादा किया।

उन्होंने कहा कि पार्टी नीतिगत सूचनाएं मुहैया कराएगी और सरकार को नीति बनाने और लागू करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यदि सरकार इस दिशा में भाजपा विरोधी सरकार के रूप में आगे बढ़ती है, तो निश्चित रूप से हमारा सहयोग होगा।’’
सहयोगी बदलने संबंधी नीतीश कुमार के ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ के बारे में पूछे जाने पर भट्टाचार्य ने कहा कि वह अतीत या भविष्य की संभावनाओं पर नहीं बल्कि केवल वर्तमान के बारे में टिप्पणी करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘सवाल नीतीश कुमार का नहीं, भाजपा का है।’’
भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी की बिहार राज्य समिति की 13 अगस्त को बैठक होगी, जिसमें वह और अन्य नेता मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में जो हुआ वह न केवल राज्य के लिए बल्कि देश के लिए भी महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने दावा किया कि भाजपा ‘‘उत्तर प्रदेश चुनाव जीतने के बाद आक्रामक’’ हो गई और उसने महाराष्ट्र में सरकार बदलने के लिए काम किया।

भट्टाचार्य ने यह भी दावा किया कि भाजपा झारखंड में चुनी हुई सरकार को गिराने और बिहार में मुख्यमंत्री को बदलने के लिए काम कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा देश में एक दलीय प्रणाली स्थापित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि वह ‘‘बिहार को इसके लिए एक प्रयोगशाला बनाने के प्रयास में है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के इस प्रयास को बिहार ने रोक दिया है।’’उन्होंने कहा कि एक समन्वय समिति के गठन के साथ-साथ एक निगरानी तंत्र की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रस्ताव देंगे कि एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया जाए और इसके लिए एक समन्वय समिति और निगरानी तंत्र बनाया जाए।’’
भट्टाचार्य ने कहा कि नीतीश कुमार सरकार को राज्य में रोजगार सृजन को प्राथमिकता देनी होगी।



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