बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को एम्स भुवनेश्वर ले जाने का ईडी को उच्च न्यायालय का निर्देश

punjabkesari.in Sunday, Jul 24, 2022 - 11:14 PM (IST)

कोलकाता, 24 जुलाई (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को सोमवार सुबह ‘एयर एम्बुलेंस’ से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर ले जाने का रविवार को निर्देश दिया।

अदालत ने निर्देश दिया कि मंत्री को सोमवार शाम चार बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोलकाता की विशेष ईडी अदालत में पेश किया जाए।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने चटर्जी के खिलाफ ईडी के मामले में समयबद्ध जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर किसी नेता ने कुछ भी गलत किया है तो पार्टी राजनीतिक रूप से हस्तक्षेप नहीं करेगी।

इसबीच, कोलकाता की एक अदालत ने पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी को रविवार को एक दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। ईडी ने मुखर्जी को शनिवार को गिरफ्तार किया था।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत की प्रभारी, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट नम्रता सिंह ने मुखर्जी को सोमवार को ईडी की अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है।
ईडी के वकीलों ने मुखर्जी की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया है।
ईडी ने मामले की जांच के तहत राज्य के कई हिस्सों में 22 जुलाई को छापेमारी की थी और चटर्जी की कथित निकट सहयोगी व एक महिला के आवास से करोड़ों रुपये नकदी और अन्य सामान बरामद किये थे। हालांकि, पीटीआई-भाषा स्वतंत्र रूप से इन सूचनाओं की पुष्टि नहीं कर पाई है।
चटर्जी के वकीलों द्वारा उनके बीमार होने के दावे के बाद मंत्री को सरकारी एसएसकेएम अस्पताल भेजने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली ईडी की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद, न्यायमूर्ति चौधरी ने निर्देश दिया, ‘‘जांच एजेंसी को आरोपी को एयर एम्बुलेंस से 25 जुलाई, 2022 की सुबह एम्स, भुवनेश्वर ले जाने का निर्देश दिया जाता है।’’
अदालत ने निर्देश दिया कि एम्स, भुवनेश्वर के विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम आरोपी की चिकित्सकीय जांच करेगी।
केंद्रीय एजेंसी ने उच्च न्यायालय के समक्ष दावा किया कि निचली अदालत किसी व्यक्ति के पर्याप्त इलाज का निर्देश दे सकती है लेकिन किसी विशेष अस्पताल के संबंध में निर्देशित नहीं कर सकती।

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी का अर्पिता मुखर्जी से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी इस मामले में समयबद्ध जांच किए जाने की मांग करती है।’’ उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में केंद्रीय एजेंसी की जांच कई साल से जारी है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कई करोड़ रुपये वाले सारदा चिटफंट मामले की जांच 2014 से कर रहा है और 2016 के चुनाव से पहले सामने आए नारदा टेप मामले की जांच भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है।

घोष ने कहा, ‘‘कानून अपना काम करेगा। तृणमूल कांग्रेस हस्तक्षेप नहीं करेगी, चाहे कोई बड़ा नेता ही इसमें संलिप्त क्यों न हो।’’


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