देवी काली पर मोईत्रा के बयान से बवाल; टीएमसी ने किया किनारा

punjabkesari.in Tuesday, Jul 05, 2022 - 09:53 PM (IST)

कोलकाता, पांच जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोईत्रा ने मंगलवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि जिस तरह हर व्यक्ति को अपने तरीके से देवी-देवताओं की पूजा करने का हक है, उसी तरह बतौर एक व्यक्ति उन्हें देवी काली की मांस भक्षण करने वाली एवं मदिरा स्वीकार करने वाली देवी के रूप में कल्पना करने का पूरा अधिकार है।
भाजपा ने मोईत्रा पर इस बयान को लेकर कड़ा प्रहार किया और पूछा कि क्या यह हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने का पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी का आधिकारिक रूख है । इस पर सत्तारूढ़ दल तृणमूल ने इस टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया एवं उसकी निंदा की।
कोलकाता में इंडिया टूडे कॉक्लेव ईस्ट में भाग लेते हुए कृष्णानगर की सांसद मोईत्रा ने कहा कि यह व्यक्तियों पर निर्भर करता है कि वे अपने देवी-देवताओं को किस रूप में देखते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ उदाहरण के लिए यदि आप भूटान जाते हैं तो आप पाते हैं कि वहां जब वे (लोग) पूजा करते हैं तो वे अपने देवता को मदिरा चढ़ाते हैं। अब यदि आप उत्तर प्रदेश जाते हैं और कहते हैं कि आप अपने देवता को प्रसाद के तौर पर मदिरा अर्पित करते हैं तो वे कहेंगे कि यह तो ईशनिंदा है।’’
मोईत्रा ने कहा कि लोगों को अपनी इच्छानुसार अपने देवी-देवताओं की कल्पना करने का हक है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए, देवी काली मांस भक्षण करने वाली एवं मदिरा स्वीकार करने वाली देवी हैं। और यदि आप (पश्चिम बंगाल की वीरभूम जिले की महत्वूपूर्ण शक्तिपीठ) तारापीठ जाएंगे तो आप वहां साधुओं को धूम्रपान करते हुए देखेंगे। यह काली का स्वरूप है जिसकी लोग वहां पूजा करते हैं। मुझे , हिंदुत्व के अंदर, काली-उपासक होने के नाते काली की उस तरीके से कल्पना करने का अधिकार है और वह मेरी स्वतंत्रता है।’’
तृणमूल सांसद ने यह बात तब कही, जब उनसे एक ऐसी फिल्म के बारे में पूछा गया जिसके पोस्टर में देवी काली को धूम्रपान करते हुए दर्शाया गया है और जिससे विवाद पैदा हो गया है।
मोईत्रा ने कहा , ‘‘ जितनी आपको अपने देवी-देवताओं को शाकाहारी एवं सफेद वस्त्र में पूजा करने की आजादी है , उतनी ही मुझे वैसा करने (मांस भक्षण करने वाली देवीके रूप में कल्पना करने) की स्वतंत्रता है। ’’
इस बयान के वायरल होने के बाद मोइत्रा ने संघ परिवार पर हमला करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ आप सभी संघियों के लिए-- झूठ बोलने से आप अच्छे हिंदू नहीं बनेंगे। मैंने कभी किसी फिल्म या पोस्ट का समर्थन नहीं किया और न ही धूम्रपान शब्द का जिक्र किया। सुझाव है कि आप तारापीठ में जाकर देखें कि मां काली को भोग के तौर पर क्या भोजन और पेय चढ़ाया जाता है। ’’
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष रतींद्र बोस ने इस मामले में कहा, ‘‘ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को सफाई देनी चाहिए। यह पहली बार नहीं है कि ऐसी बात सामने आयी है। पहले भी तृणमूल नेताओं ने ऐसा किया है। हमें लगता है कि वोट पाने के लिए हिंदू भावनाओं को आहत करना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का आधिकारिक रूख है। ’’
तृणमूल कांग्रेस ने मोईत्रा के बयान से दूरी बनाते हुए उसकी निंदा की। पार्टी ने ट्वीट किया, ‘‘ इंडिया टूडे कॉनक्लेव ईस्ट 2022 में महुआ मोईत्रा द्वारा देवी काली पर की गयी टिप्पणी एवं व्यक्त किये गये विचार उन्होंने निजी तौर पर दिये हैं और पार्टी उसपर किसी भी तरीके से मुहर नहीं लगाती है। तृणमूल कांग्रेस ऐसी टिप्पणी की कड़ी निंदा करती है।’’
विवादास्पद फिल्म ‘काली’ के पोस्टर पर उठे विवाद एवं मोईत्रा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दिल्ली में कहा कि वह मोईत्रा के बयान पर कुछ नहीं कहना चाहेंगे क्योंकि यह एक ऐसा मामला है जो मोईत्रा एवं उनकी पार्टी से जुड़ा है।

हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी धर्मों के देवी-देवताओं का सम्मान करते हैं और यह हमारे देश का चरित्र एवं सुंदरता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ न तो मैं और न ही मेरी पार्टी किसी भी ऐसे माध्यम या बयान को स्वीकार नहीं करती है जो किसी भी समुदाय की धार्मिक भावना पर बुरा असर डालता हो। लेकिन हमें यह समझना होगा कि इन दिनों ये चीजें क्यों हो रही हैं-- क्योंकि सरकार चाहती है कि हम इस बात पर चर्चा न करें कि आटे पर पांच फीसदी जीएसटी क्यों लगायी गयी। ’’


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