सभी टीईटी उम्मीदवारों को गलत सवाल के लिए अंक नहीं मिले थे : बंगाल स्कूल शिक्षा बोर्ड

punjabkesari.in Tuesday, Jul 05, 2022 - 08:54 PM (IST)

कोलकाता, पांच जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल प्राथमिक विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्वीकार किया कि 2014 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में बैठे 20 लाख से अधिक उम्मीदवारों में से सभी को गलत सवाल के लिए अंक नहीं दिये गये थे और इस प्रकार उम्मीदवारों के साथ भेदभाव किया गया था।
बोर्ड के वकील ने, हालांकि दावा किया कि इसमें कोई आपराधिकता नहीं है।
एकल पीठ ने अपने आदेश में उन 269 उम्मीदवारों की नियुक्ति मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबआई) से जांच कराने का निर्देश दिया था, जिन्हें गलत सवाल के लिए एक अंक अतिरिक्त दिया गया था तथा राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित और वित्त-पोषित विद्यालयों में नियुक्त इन प्राथमिक शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गी थी।

एकल पीठ के आदेश के विरुद्ध अपील में बोर्ड की ओर से पेश वकील लक्ष्मी गुप्ता ने न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि सीबीआई जांच के आदेश का कोई कारण नहीं है।

न्यायमूर्ति तालुकदार ने कहा कि यह सार्वजनिक सेवा परीक्षा है न कि क्लास टेस्ट, जहां शिक्षक कुछ बच्चों को अंक देना भूल जाता है। उन्होंने बोर्ड के वकील से पूछा कि क्या (ऐसे में) जांच से इनकार किया जा सकता है।

प्रभावित उम्मीदवारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास भट्टाचार्य ने आंदोलन करने वाले उम्मीदवारों को एक अंक अतिरिक्त देने को लेकर तय मानदंड पर सवाल खड़े किये।

उन्होंने दलील दी कि इस मामले में सभी तथ्यों के खुलासे के लिए उचित जांच की आवश्यकता है।

अदालत ने मामले की सुनवाई सात जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।


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PTI News Agency

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