अमित मित्रा ने केंद्र से जीएसटी परिषद में सर्वसम्मति से निर्णय लेने को कहा
punjabkesari.in Tuesday, Jun 28, 2022 - 04:56 PM (IST)
कोलकाता, 28 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर चंडीगढ़ में चल रही जीएसटी परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लेने के लिए कहा।
राज्य सरकार ने साथ ही ‘‘बहुसंख्यकवाद’’ से परहेज करने की अपील भी की है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और वित्त विभाग के प्रधान मुख्य सलाहकार अमित मित्रा ने सीतारमण को दो पन्नों के पत्र में इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले का हवाला दिया।
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘न्यायालय के फैसले के बाद जीएसटी परिषद के लिए हर निर्णय सर्वसम्मति से लेना और बहुसंख्यकवाद की किसी भी छाया से दूर रहना अनिवार्य हो गया है। न केवल जीएसटी परिषद की विश्वसनीयता के लिए बल्कि इस प्रतिष्ठित निकाय की समृद्ध परंपरा को बनाए रखने के लिए भी ऐसा करना अपेक्षित है।’’
उच्चतम न्यायालय ने 19 मई को अपने फैसले में कहा था कि जीएसटी परिषद की सिफारिशें केंद्र और राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं हैं, क्योंकि देश में एक सहकारी संघीय संरचना है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने यह भी कहा था कि केंद्र और राज्य सरकारों के पास जीएसटी पर कानून बनाने की शक्तियां हैं और परिषद को एक व्यावहारिक समाधान हासिल करने के लिए सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
राज्य सरकार ने साथ ही ‘‘बहुसंख्यकवाद’’ से परहेज करने की अपील भी की है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और वित्त विभाग के प्रधान मुख्य सलाहकार अमित मित्रा ने सीतारमण को दो पन्नों के पत्र में इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले का हवाला दिया।
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘न्यायालय के फैसले के बाद जीएसटी परिषद के लिए हर निर्णय सर्वसम्मति से लेना और बहुसंख्यकवाद की किसी भी छाया से दूर रहना अनिवार्य हो गया है। न केवल जीएसटी परिषद की विश्वसनीयता के लिए बल्कि इस प्रतिष्ठित निकाय की समृद्ध परंपरा को बनाए रखने के लिए भी ऐसा करना अपेक्षित है।’’
उच्चतम न्यायालय ने 19 मई को अपने फैसले में कहा था कि जीएसटी परिषद की सिफारिशें केंद्र और राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं हैं, क्योंकि देश में एक सहकारी संघीय संरचना है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने यह भी कहा था कि केंद्र और राज्य सरकारों के पास जीएसटी पर कानून बनाने की शक्तियां हैं और परिषद को एक व्यावहारिक समाधान हासिल करने के लिए सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए।
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