स्कूल नियुक्तियां : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दलीलों का सारांश पेश करने का पक्षों को निर्देश दिया

punjabkesari.in Thursday, Jun 23, 2022 - 08:04 PM (IST)

कोलकाता, 23 जून (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कथित शिक्षक भर्ती अनियमितता मामले में एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाने संबंधी पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड की याचिका पर सभी पक्षों से अपनी दलीलों का सारांश पेश करने का बृहस्पतिवार को निर्देश दिया।

बोर्ड ने राज्य सरकार प्रायोजित या वित्त पोषित प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम 269 शिक्षकों की नियुक्तियों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने के एकल पीठ के निर्देश को चुनौती दी है और इस पर रोक लगाने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति लोपिता बनर्जी की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई 30 जून को होगी।

बोर्ड की ओर से पेश वरिष्ठ वकील किशोर दत्ता ने कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2014 में लाभान्वित होने वाले 269 उम्मीदवारों को एक गलत प्रश्न के लिए एक अंक दिया गया था, जबकि 20 लाख से अधिक परीक्षार्थियों को यह अंक नहीं दिया गया था।

न्यायमूर्ति तालुकदार ने बोर्ड के वकील से पूछा कि क्या 2014 टीईटी की परीक्षा में बैठने वाले 20 लाख से अधिक उम्मीदवारों में से प्रत्येक को अतिरिक्त अंक नहीं देने का मतलब असमान व्यवहार है, क्योंकि 269 उम्मीदवार कुल परीक्षार्थियों का एक छोटा प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने यह भी सवाल किया था कि गलत प्रश्न के लिए अतिरिक्त अंक देने का निर्णय सभी की जानकारी के लिए सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया था।

इस मामले के याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील सुदीप्तो दासगुप्ता ने कहा कि शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में टीईटी योग्यता अंकों पर जोर दिया जाता है और इसलिए सभी उम्मीदवारों को अतिरिक्त अंक दिया जाना चाहिए था न कि केवल 269 को।

प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील फिरदौस शमीम ने दावा किया कि अनुचित भर्तियों के कारण सार्वजनिक रोजगार एक निजी मामला बन गया।

न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने 13 जून को सीबीआई को बंगाल सरकार प्रायोजित और वित्त पोषित प्राथमिक विद्यालयों में 269 शिक्षकों की नियुक्ति की जांच करने का निर्देश दिया था।




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PTI News Agency

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