बंगाल के दो सरकारी थिएटर में सत्यजीत रे पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन नहीं
punjabkesari.in Friday, May 13, 2022 - 08:07 PM (IST)
कोलकाता, 13 मई (भाषा) फिल्म निर्देशक अनिक दत्ता की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘अपराजितो’ को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित नंदन और सिनेमा शताब्दी भवन थिएटर में प्रदर्शन का समय नहीं मिल सका है, जिसे लेकर निर्माता आश्चर्यचकित हैं।
‘अपराजितो’ रे की 101वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के मकसद से बनाई गई है। इसे हाल ही में संपन्न मुंबई फिल्म समारोह में आलोचकों से काफी प्रशंसा मिली थी। यह ‘क्लासिक फिल्मों’ की श्रेणी में शुमार की जाने वाली ‘पाथेर पांचाली’ के निर्माण के दौरान रे की यात्रा को दर्शाती है।
‘अपराजितो’ के निर्माता फिरदौसल हसन ने कहा कि बंगाल का सांस्कृतिक केंद्र कहलाने वाले नंदन थिएटर की स्क्रीनिंग समिति ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि फिल्म को प्रसारण का समय दिया जाएगा, लेकिन ‘क्या गड़बड़ी हुई, मुझे कुछ मालमू नहीं।’
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार के मुखर आलोचक दत्ता फरवरी 2019 में भी सुर्खियों में आए थे, जब सत्ता विरोधी उनके व्यंग्य ‘भोबिसयोतेर भूत’ को रिलीज के चंद दिनों बाद ही सिनेमाघरों से उतार दिया गया था।
तब अभिनेता सौमित्र चटर्जी सहित कई दिग्गजों ने ‘कलाकारों की अभिव्यक्ति की आजादी पर लगाम लगाने’ की कथित कोशिशों को लेकर प्रदर्शन किया था।
‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में हसन ने कहा, “नंदन की स्क्रीनिंग समिति को फिल्म पसंद आई थी। सदस्यों ने मुझे और अनिक दा को इस बारे में सूचित भी किया था। मुझे नहीं पता कि इसके बाद क्या हुआ।”
उन्होंने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि दर्शक अगले हफ्ते से इन सरकारी थिएटर में ‘अपराजितों’ देखने का लुत्फ उठा सकेंगे।”
नंदन के मुख्य कार्यकारी (सीईओ) को इस संबंध में किए गए कॉल का जवाब नहीं मिला।
स्क्रीनिंग समिति के एक सदस्य ने नाम न जाहिर करने की शर्ती पर कहा, “मुझे लगता है कि इसमें कुछ प्रक्रिया संबंधी मुद्दे शामिल हैं। फिल्म को आने वाले दिनों में (नंदन, सिनेमा शताब्दी भवन में) प्रदर्शन का समय आवंटित किया जा सकता है।”
दत्ता ने उम्मीद जताई कि प्रक्रिया संबंधी सभी मुद्दे जल्द हल कर लिए जाएंगे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
‘अपराजितो’ रे की 101वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के मकसद से बनाई गई है। इसे हाल ही में संपन्न मुंबई फिल्म समारोह में आलोचकों से काफी प्रशंसा मिली थी। यह ‘क्लासिक फिल्मों’ की श्रेणी में शुमार की जाने वाली ‘पाथेर पांचाली’ के निर्माण के दौरान रे की यात्रा को दर्शाती है।
‘अपराजितो’ के निर्माता फिरदौसल हसन ने कहा कि बंगाल का सांस्कृतिक केंद्र कहलाने वाले नंदन थिएटर की स्क्रीनिंग समिति ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि फिल्म को प्रसारण का समय दिया जाएगा, लेकिन ‘क्या गड़बड़ी हुई, मुझे कुछ मालमू नहीं।’
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार के मुखर आलोचक दत्ता फरवरी 2019 में भी सुर्खियों में आए थे, जब सत्ता विरोधी उनके व्यंग्य ‘भोबिसयोतेर भूत’ को रिलीज के चंद दिनों बाद ही सिनेमाघरों से उतार दिया गया था।
तब अभिनेता सौमित्र चटर्जी सहित कई दिग्गजों ने ‘कलाकारों की अभिव्यक्ति की आजादी पर लगाम लगाने’ की कथित कोशिशों को लेकर प्रदर्शन किया था।
‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में हसन ने कहा, “नंदन की स्क्रीनिंग समिति को फिल्म पसंद आई थी। सदस्यों ने मुझे और अनिक दा को इस बारे में सूचित भी किया था। मुझे नहीं पता कि इसके बाद क्या हुआ।”
उन्होंने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि दर्शक अगले हफ्ते से इन सरकारी थिएटर में ‘अपराजितों’ देखने का लुत्फ उठा सकेंगे।”
नंदन के मुख्य कार्यकारी (सीईओ) को इस संबंध में किए गए कॉल का जवाब नहीं मिला।
स्क्रीनिंग समिति के एक सदस्य ने नाम न जाहिर करने की शर्ती पर कहा, “मुझे लगता है कि इसमें कुछ प्रक्रिया संबंधी मुद्दे शामिल हैं। फिल्म को आने वाले दिनों में (नंदन, सिनेमा शताब्दी भवन में) प्रदर्शन का समय आवंटित किया जा सकता है।”
दत्ता ने उम्मीद जताई कि प्रक्रिया संबंधी सभी मुद्दे जल्द हल कर लिए जाएंगे।
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