देउचा पचमी में पत्थर उत्खनन टीएमसी का एजेंडा : शुभेंदु
punjabkesari.in Thursday, May 12, 2022 - 10:15 PM (IST)
कोलकाता/सिउरी (पश्चिम बंगाल), 12 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि बीरभूम जिले में प्रस्तावित देउचा पचमी कोयला खदान परियोजना में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का छिपा हुआ एजेंडा पत्थर उत्खनन करना और इसे दुनिया भर में सड़क बनाने वालों और भवन निर्माताओं को बेचना है, जिसके लिए उसे पहले ही ऐसी कंपनियों से चुनावी फंड के रूप में 200 करोड़ रुपये मिल चुके हैं।
क्षेत्र में लगभग 500 प्रदर्शनकारियों की तीन किलोमीटर लंबी रैली का नेतृत्व करने के बाद, अधिकारी ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस परियोजना के खिलाफ जबर्दस्त लड़ाई लड़ेगी क्योंकि यह आदिवासियों सहित हजारों लोगों को विस्थापित करेगी।
उन्होंने कहा, “सर्वेक्षणकर्ताओं ने कहा है कि कोयले के ऊपर पत्थरों की एक मोटी परत है। मुख्यमंत्री और उनके भतीजे इतनी बड़ी मात्रा में पत्थर को लक्षित कर रहे हैं, और उन्हें दुनिया भर में सड़क बिल्डरों और रियल एस्टेट फर्मों से चुनावी फंड के रूप में 200 करोड़ रुपये पहले ही मिल चुके हैं।”
अधिकारी ने कहा कि उन्होंने नंदीग्राम भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन में भाग लिया था, और चेतावनी दी कि देउचा पचमी में जबरन जमीन का अधिग्रहण करने पर और अधिक शक्तिशाली आंदोलन करेंगे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार आम आदमी से जमीन छीन कर उन्हें विस्थापित कर जमीन बड़े कारोबारियों को सौंप रही है।
उन्होंने कहा, “यह इस सरकार के जनविरोधी चरित्र को दर्शाता है। लेकिन हम उन्हें क्षेत्र के मूल निवासियों - आदिवासियों - को विस्थापित करने और उनकी आजीविका को लूटने की अनुमति नहीं देंगे।”
तृणमूल नेताओं ने क्षेत्र में “शांतिपूर्ण स्थिति को बाधित करने का प्रयास” करने के लिए भाजपा पर निशाना साधा और उसके आरोपों को “निराधार” करार दिया।
तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “शुभेंदु अधिकारी की न तो लोगों के बीच और न ही उनकी पार्टी में कोई स्वीकार्यता है। वह अपने ‘रेटिंग अंक’ बढ़ाने के लिए निराधार आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने पहले भी वहां लोगों को भड़काने की कोशिश की थी। उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।”
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
क्षेत्र में लगभग 500 प्रदर्शनकारियों की तीन किलोमीटर लंबी रैली का नेतृत्व करने के बाद, अधिकारी ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस परियोजना के खिलाफ जबर्दस्त लड़ाई लड़ेगी क्योंकि यह आदिवासियों सहित हजारों लोगों को विस्थापित करेगी।
उन्होंने कहा, “सर्वेक्षणकर्ताओं ने कहा है कि कोयले के ऊपर पत्थरों की एक मोटी परत है। मुख्यमंत्री और उनके भतीजे इतनी बड़ी मात्रा में पत्थर को लक्षित कर रहे हैं, और उन्हें दुनिया भर में सड़क बिल्डरों और रियल एस्टेट फर्मों से चुनावी फंड के रूप में 200 करोड़ रुपये पहले ही मिल चुके हैं।”
अधिकारी ने कहा कि उन्होंने नंदीग्राम भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन में भाग लिया था, और चेतावनी दी कि देउचा पचमी में जबरन जमीन का अधिग्रहण करने पर और अधिक शक्तिशाली आंदोलन करेंगे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार आम आदमी से जमीन छीन कर उन्हें विस्थापित कर जमीन बड़े कारोबारियों को सौंप रही है।
उन्होंने कहा, “यह इस सरकार के जनविरोधी चरित्र को दर्शाता है। लेकिन हम उन्हें क्षेत्र के मूल निवासियों - आदिवासियों - को विस्थापित करने और उनकी आजीविका को लूटने की अनुमति नहीं देंगे।”
तृणमूल नेताओं ने क्षेत्र में “शांतिपूर्ण स्थिति को बाधित करने का प्रयास” करने के लिए भाजपा पर निशाना साधा और उसके आरोपों को “निराधार” करार दिया।
तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “शुभेंदु अधिकारी की न तो लोगों के बीच और न ही उनकी पार्टी में कोई स्वीकार्यता है। वह अपने ‘रेटिंग अंक’ बढ़ाने के लिए निराधार आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने पहले भी वहां लोगों को भड़काने की कोशिश की थी। उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।”
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