मशहूर चित्रकार वसीम कपूर का निधन
punjabkesari.in Monday, Jan 24, 2022 - 08:48 PM (IST)
कोलकाता, 24 जनवरी (भाषा) मशहूर चित्रकार वसीम कपूर का सोमवार को कोलकाता स्थित अपने आवास में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। यह जानकारी उनके परिजनों ने दी। वह 71 साल के थे।
परिजनों ने बताया कि उन्होंने सुबह साढ़े 11 बजे अंतिम सांस ली, लेकिन इसके पहले की रात तक वह पूरी तरह सक्रिय थे। कपूर के पारिवारिक दोस्त और मशहूर चिकित्सक फुआद हालीम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कपूर को दिल की बीमारी पहले से थी, लेकिन उनका इलाज हुआ था। उन्होंने पिछले महीने ही एक कला कार्यक्रम में भाग लिया था। उनका निधन अचानक हुआ।’’ कपूर का जन्म 3 जनवरी, 1951 को लखनऊ में हुआ, लेकिन वह अपने परिवार के साथ कोलकाता में बस गए। कोलकाता कई मशहूर कलाकारों की कर्मस्थली रहा है। कपूर ने वर्ष 1971 में कोलकाता स्थित इंडियन कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड ड्राफ्टमैनिशप से फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा प्रथम श्रेणी में हासिल किया। इसके बाद उन्होंने जल्द ही कोलकाता के कला जगत में स्थान बना लिया। कपूर ने 1970 के दशक की शुरुआत से ही नियमित तौर पर कला की एकल प्रदर्शनी लगाना शुरू कर दिया।
कपूर को उनकी शृंखला ‘कोलकाता के रिक्शाचालक’ के लिए सराहा गया। उन्होंने अपने जीवन में कई पुरस्कार हासिल किए। उनकी कृतियों को विक्टोरिया मेमोरियल, ललित कला अकादमी, फाइन आर्ट्स अकादमी, बिरला कला एवं संस्कृति अकादमी, कोलकाता स्थित सीआईएमए कला गैलरी, लाली कला अकादमी, राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी, दिल्ली स्थित वढेरा कला गैलरी में प्रदर्शित किया गया था। फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित लियोन और मार्सिले में भी उनकी कृतियों को प्रदर्शित किया गया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
परिजनों ने बताया कि उन्होंने सुबह साढ़े 11 बजे अंतिम सांस ली, लेकिन इसके पहले की रात तक वह पूरी तरह सक्रिय थे। कपूर के पारिवारिक दोस्त और मशहूर चिकित्सक फुआद हालीम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कपूर को दिल की बीमारी पहले से थी, लेकिन उनका इलाज हुआ था। उन्होंने पिछले महीने ही एक कला कार्यक्रम में भाग लिया था। उनका निधन अचानक हुआ।’’ कपूर का जन्म 3 जनवरी, 1951 को लखनऊ में हुआ, लेकिन वह अपने परिवार के साथ कोलकाता में बस गए। कोलकाता कई मशहूर कलाकारों की कर्मस्थली रहा है। कपूर ने वर्ष 1971 में कोलकाता स्थित इंडियन कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड ड्राफ्टमैनिशप से फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा प्रथम श्रेणी में हासिल किया। इसके बाद उन्होंने जल्द ही कोलकाता के कला जगत में स्थान बना लिया। कपूर ने 1970 के दशक की शुरुआत से ही नियमित तौर पर कला की एकल प्रदर्शनी लगाना शुरू कर दिया।
कपूर को उनकी शृंखला ‘कोलकाता के रिक्शाचालक’ के लिए सराहा गया। उन्होंने अपने जीवन में कई पुरस्कार हासिल किए। उनकी कृतियों को विक्टोरिया मेमोरियल, ललित कला अकादमी, फाइन आर्ट्स अकादमी, बिरला कला एवं संस्कृति अकादमी, कोलकाता स्थित सीआईएमए कला गैलरी, लाली कला अकादमी, राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी, दिल्ली स्थित वढेरा कला गैलरी में प्रदर्शित किया गया था। फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित लियोन और मार्सिले में भी उनकी कृतियों को प्रदर्शित किया गया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Shukrawar Upay: कुंडली में शुक्र है कमजोर तो कर लें ये उपाय, कष्टों से मिलेगा छुटकारा
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Chanakya Niti: श्मशान घाट की तरह होते हैं ऐसे घर, नहीं रहती इनमें खुशियां