बाल तस्करी पीड़ित 12 वर्षीय बालक एक घंटे के लिए डब्ल्यूबीसीपीसीआर का अध्यक्ष बना
punjabkesari.in Saturday, Jul 31, 2021 - 05:06 PM (IST)
कोलकाता, 31 जुलाई (भाषा) बाल तस्करी एवं बाल मजदूरी से बचाए गए 12 वर्षीय एक बालक को पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डब्ल्यूबीसीपीसीआर) का एक घंटे के लिए अध्यक्ष बनाया गया। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।
सात वर्ष पहले उत्तर बंगाल के एक घर में घरेलू सहायक के तौर पर काम कर रहे लड़के को बचाया गया था जिसे शुक्रवार को डब्ल्यूबीसीपीसीआर का एक घंटे के लिए अध्यक्ष बनाया गया।
डब्लयूबीसीपीसीआर के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पुलिस की मदद से चाइल्डलाइन गैर सरकारी संगठन द्वारा बचाए जाने के बाद बच्चे को नया जीवन मिला। 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय तस्करी निरोधक दिवस के अवसर पर हमने उसे एक घंटे के लिए डब्ल्यूबीसीपीसीआर का अध्यक्ष बनाया ताकि इस मुद्दे पर उसके अनुभव को साझा कर सकें।’’
लड़के ने डब्ल्यूबीसीपीसीआर के अध्यक्ष के तौर पर पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक कल्याण मंत्री शशि पांजा को पत्र लिखा और मांग की कि राज्य को सभी बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो।
उसने कहा कि बाल मजदूरी एवं तस्करी के षड्यंत्रकारियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए और उन पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए। उनसे पीड़ित की शिक्षा का पूरा खर्च वसूला जाना चाहिए।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सात वर्ष पहले उत्तर बंगाल के एक घर में घरेलू सहायक के तौर पर काम कर रहे लड़के को बचाया गया था जिसे शुक्रवार को डब्ल्यूबीसीपीसीआर का एक घंटे के लिए अध्यक्ष बनाया गया।
डब्लयूबीसीपीसीआर के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पुलिस की मदद से चाइल्डलाइन गैर सरकारी संगठन द्वारा बचाए जाने के बाद बच्चे को नया जीवन मिला। 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय तस्करी निरोधक दिवस के अवसर पर हमने उसे एक घंटे के लिए डब्ल्यूबीसीपीसीआर का अध्यक्ष बनाया ताकि इस मुद्दे पर उसके अनुभव को साझा कर सकें।’’
लड़के ने डब्ल्यूबीसीपीसीआर के अध्यक्ष के तौर पर पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक कल्याण मंत्री शशि पांजा को पत्र लिखा और मांग की कि राज्य को सभी बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो।
उसने कहा कि बाल मजदूरी एवं तस्करी के षड्यंत्रकारियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए और उन पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए। उनसे पीड़ित की शिक्षा का पूरा खर्च वसूला जाना चाहिए।
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