भाजपा ने पश्चिम बंगाल दिवस मनाया

punjabkesari.in Sunday, Jun 20, 2021 - 07:27 PM (IST)

कोलकाता, 20 जून (भाषा) भाजपा ने रविवार को पार्टी नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर ‘पश्चिम बंग दिवस’ (पश्चिम बंगाल दिवस) मनाया। इस मौके पर भगवा पार्टी के नेताओं ने दावा किया कि अगर मुखर्जी ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो पश्चिम बंगाल इस्लामिक देश का हिस्सा बन जाता।
हालांकि, राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भगवा पार्टी पर इतिहास को ‘विकृत’ करने का आरोप लगाया।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने यहां पार्टी मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम का नेतृत्व किया जबकि भाजपा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने ट्विटर पर पोस्ट के माध्यम से इस दिवस को मनाया।
अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस और अन्य पार्टियों- माकपा और कांग्रेस- द्वारा इस दिन को नहीं मनाए जाने पर खेद व्यक्त करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर हमारे 54 हिंदू प्रतिनिधियों ने पश्चिम बंग को अलग नहीं किया होता तो हमारे राज्य की राजधानी इस्लामाबाद या ढाका होती न कि कोलकाता।’’
विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा की घटनाओं को कथित सांप्रदायिक रंग देते हुए अधिकारी ने कहा, ‘‘सनातन हिंदू धर्म का अनुकरण करने के लिए लोगों पर हमले किए जा रहे हैं। अब भी 17,500 लोग बेघर हैं और 42 लोग मारे (चुनाव उपरांत हिंसा में) गए हैं।’’
उत्तर बंगाल के विभिन्न धड़ों द्वारा अलग राज्य बनाने की मांग पर पार्टी मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम के बाद अधिकारी ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य के बंटवारे की मांग का समर्थन नहीं करती है। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि उत्तर बंगाल के लोगों की शिकायतों को दूर किया जाना चाहिए।
विधानसभा के दक्षिणी गेट पर आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘भाजपा बंगाल के बंटवारे की किसी मांग का समर्थन नहीं करेगी, लेकिन दक्षिण कोलकाता के कुछ नेताओं को ही सभी अहम मंत्री पद क्यों दे दिए गए? जिले वर्षों से अनदेखी का सामना कर रहे हैं।’’
गौरतलब है कि भाजपा सांसद जॉन बरला और जयंत रॉय ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों को अलग कर नया राज्य बनाने की मांग की थी जिसपर तृणमूल कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। भाजपा नेतृत्व ने भी इस मुद्दे से खुद को अलग कर लिया था।
राज्यसभा सदस्य दासगुप्ता ने ट्वीट किया, ‘‘20 जून पश्चिम बंगाल दिवस है। इसी दिन वर्ष 1947 में बंगाली हिंदुओं ने पाकिस्तान में पूरे बंगाल को शामिल करने की मुस्लिम लीग की कोशिश को असफल कर भारत में अलग राज्य की मांग की थी। यह वह विचारधारा थी जिसने फैसले को मूर्त रूप दिया है और हमें इसे भूलना नहीं चाहिए।’’
तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने कहा कि भाजपा इतिहास के अपने संस्करण से लोगों को भ्रमित करना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘केवल श्यामा प्रसाद मुखर्जी अकेली हस्ती नहीं थे जो बंगाल के लिए खड़े हुए। और भी कई हस्तियां थीं जिनमें प्रगतिशील मुसलमान भी शामिल थे।’’


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