चुनाव बाद की हिंसा पर धनखड़ ने कहा, ''''आपकी लगातार चुप्पी पर विवश''''
punjabkesari.in Tuesday, Jun 15, 2021 - 08:44 PM (IST)
कोलकाता, 15 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया कि वह राज्य में चुनाव के बाद हुयी हिंसा पर चुप हैं और उन्होंने पीड़ित लोगों के पुनर्वास और मुआवजा के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं।
राज्यपाल ने चार दिवसीय यात्रा पर दिल्ली रवाना होने से कुछ घंटे पहले पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से उठाए गए मुद्दों पर जल्द से जल्द बातचीत करने का आग्रह किया। उन्होंने ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ मैं चुनाव के बाद प्रतिशोधात्मक रक्तपात, मानवाधिकारों का हनन, महिलाओं की गरिमा पर हमला, संपत्ति का नुकसान, राजनीतिक विरोधियों की पीड़ाओं पर आपकी लगातार चुप्पी और निष्क्रियता को लेकर मैं विवश हूँ...।’’
धनखड़ ने पत्र की प्रति ट्विटर पर भी पोस्ट की है। उन्होंने आरोप लगाया, "... आपकी चुप्पी, लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए पुनर्वास और मुआवजे की खातिर किसी भी कदम का अभाव से यह निष्कर्ष निकलता है कि यह सब राज्य द्वारा संचालित है।"
जुलाई 2019 में पदभार संभालने के बाद से ही कई मुद्दों पर धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस सरकार आमने-सामने रहे हैं। उन्होंने राज्य में पुलिस और प्रशासन पर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया है।
धनखड़ ने पत्र में लिखा है कि 13 से 15 मई के बीच कूचबिहार, नंदीग्राम और असम के रणपगली की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने उन लोगों की मर्मस्पर्शी पीड़ा सुनी थी जिन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपनी पसंद के अनुसार मतदान किया था।
राज्यपाल ने लिखा कि गिरफ्तार व्यक्तियों की रिहाई के लिए मुख्यमंत्री ने 17 मई को अभूतपूर्व तरीके से निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय में छह घंटे बिता।
ममता बनर्जी नारद स्टिंग टेप मामले में अपने मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी और एफ हकीम, पार्टी विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी की गिरफ्तारी के तुरंत बाद सीबीआई कार्यालय गयी थीं।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से चुनाव बाद हिंसा के मुद्दे पर कैबिनेट में विचार करने, कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी कदम उठाने और पीड़ित लोगों को सहायता मुहैया कराने का आग्रह किया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
राज्यपाल ने चार दिवसीय यात्रा पर दिल्ली रवाना होने से कुछ घंटे पहले पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से उठाए गए मुद्दों पर जल्द से जल्द बातचीत करने का आग्रह किया। उन्होंने ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ मैं चुनाव के बाद प्रतिशोधात्मक रक्तपात, मानवाधिकारों का हनन, महिलाओं की गरिमा पर हमला, संपत्ति का नुकसान, राजनीतिक विरोधियों की पीड़ाओं पर आपकी लगातार चुप्पी और निष्क्रियता को लेकर मैं विवश हूँ...।’’
धनखड़ ने पत्र की प्रति ट्विटर पर भी पोस्ट की है। उन्होंने आरोप लगाया, "... आपकी चुप्पी, लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए पुनर्वास और मुआवजे की खातिर किसी भी कदम का अभाव से यह निष्कर्ष निकलता है कि यह सब राज्य द्वारा संचालित है।"
जुलाई 2019 में पदभार संभालने के बाद से ही कई मुद्दों पर धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस सरकार आमने-सामने रहे हैं। उन्होंने राज्य में पुलिस और प्रशासन पर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया है।
धनखड़ ने पत्र में लिखा है कि 13 से 15 मई के बीच कूचबिहार, नंदीग्राम और असम के रणपगली की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने उन लोगों की मर्मस्पर्शी पीड़ा सुनी थी जिन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपनी पसंद के अनुसार मतदान किया था।
राज्यपाल ने लिखा कि गिरफ्तार व्यक्तियों की रिहाई के लिए मुख्यमंत्री ने 17 मई को अभूतपूर्व तरीके से निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय में छह घंटे बिता।
ममता बनर्जी नारद स्टिंग टेप मामले में अपने मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी और एफ हकीम, पार्टी विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी की गिरफ्तारी के तुरंत बाद सीबीआई कार्यालय गयी थीं।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से चुनाव बाद हिंसा के मुद्दे पर कैबिनेट में विचार करने, कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी कदम उठाने और पीड़ित लोगों को सहायता मुहैया कराने का आग्रह किया।
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