दीदी हैं बंगाल की ’दादा’

punjabkesari.in Sunday, May 02, 2021 - 10:54 PM (IST)

कोलकाता, दो मई (भाषा) सभी अटकलों को धता बताते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जारी मतगणना में शानदार जीत हासिल कर बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है। यह चुनाव इसलिए भी याद रखा जाएगा कि इसमें प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जमकर वाकयुद्ध हुआ।

शाम तक मतगणना के रुझान स्पष्ट हो गए। बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस राज्य विधानसभा चुनाव की मतगणना में 292 सीटों के शाम तक आए परिणामों और रुझानों में 93 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी थी और 123 पर बढ़त बनाए हुए थी। पार्टी को लगभग 48 प्रतिशत मत मिले हैं। उम्मीदवारों के कोविड-19 से पीड़ित होने के बाद दो निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान टाल दिया गया था।

बनर्जी ने अपने समर्थकों से कहा, ‘‘यह बंगाल के लोगों की जीत है।’’ हालांकि नंदीग्राम से बनर्जी की खुद की हार की खबर ने उनकी खुशी को थोड़ा कम कर किया।

बनर्जी अब तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के करीब हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से जश्न न मनाने को कहा।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यह भी कहा कि राज्य में महामारी से निपटना उनकी प्राथमिकता होगा।

वहीं, प्रतिद्वंद्वी भाजपा की राज्य की सत्ता में काबिज होने की आकांक्षा अधूरी रह गई और वह शाम तक आए परिणामों और रुझानों के अनुसार केवल 21 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी तथा 53 पर आगे चल रही है। भाजपा के लिए यह 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम के विपरीत है जब इसने 18 लोकसभा सीट जीतकर 120 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में बहुमत हासिल किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न था तथा उन्होंने भाजपा को जीत दिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। पार्टी ने 200 से अधिक सीट जीतने का दावा किया था, लेकिन वह इस आंकड़े के कहीं आसपास तक भी नहीं पहुंच पाई और इससे काफी दूर रह गई।

भाजपा ने विधानसभा चुनाव में अपने कई सांसदों एवं केंद्रीय मंत्रियों को भी उतार दिया था।

प्रधानमंत्री अपनी प्रचार सभाओं में बनर्जी पर निशाना साधते समय प्राय: ‘दीदी ओ दीदी’ कहते थे, लेकिन उनकी यह कटाक्ष शैली भी बनर्जी को शिकस्त देने में योगदान नहीं दे पाई।

पश्चिम बंगाल में 34 साल तक शासन करनेवाला वाम मोर्चा और राज्य में दो दशक तक सत्ता में रही कांग्रेस इस विधानसभा चुनाव में बिलकुल औंधे मुंह जा गिरी है।

बहुत से लोग अब ये कयास लगाने लगे हैं कि अपनी पार्टी की इस बार की जीत से उत्साहित बनर्जी अब 2024 के आम चुनाव में भाजपा को चुनौती देने के लिए अन्य राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने की कोशिश करेंगी।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News