पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में प्रतिदिन तीन बच्चों की डूबने से हो जाती है मौत: सर्वेक्षण

punjabkesari.in Sunday, Oct 11, 2020 - 08:27 PM (IST)

कोलकाता, 11 अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में प्रतिदिन 1 से 9 साल के आयुवर्ग के करीब तीन बच्चों की डूबने से मौत हो जाती है। एक सर्वेक्षण में यह बात कही गई है।

चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट (सीआईएनआई) के साथ मिलकर जून से सितंबर 2019 के बीच किये गए जॉर्ज इंस्टीट्यूट के वर्ग-आधारित सर्वेक्षण का प्राथमिक उद्देश्य 1 से 4 और 5 से 9 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों की डूबने से हुई मौत की दर का पता लगाना था।
''''डिटरमाइनिंग चाइल मोर्टेलिटी इन सुंदरबन इंडिया: अप्लाइंग द कम्युनिटी नॉलेज अप्रोच'''' नामक सर्वे में कहा गया है, ''''इस क्षेत्र में 1 से 4 साल के आयुवर्ग के बच्चों में डूबने से हुई मौत की दर प्रति एक लाख बच्चों पर 243.8 प्रतिशत है जबकि 5 से 9 साल के आयुवर्ग के बीच प्रति एक लाख पर यह दर 38.8 प्रतिशत है। सर्वेक्षण में पाया गया कि 1 से 2 साल के आयुवर्ग के बच्चों के बीच मृत्यु दर 58 प्रतिशत है।''''
सर्वेक्षण में कहा गया है कि बच्चों और बच्चियों की मृत्यु दर में कोई अंतर नहीं है।
सर्वेक्षण के अनुसार, ''''अधिकतर बच्चों की मौत उनके घरों के 50 मीटर के दायरे में मौजूद तालाब में डूबने से हुई। अधिकतर बच्चे अकसर परिजनों के घर में काम में लगे होने के समय तालाबों के पास गए। औपचारिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा कुछेक बच्चों का इलाज किया गया।''''
यूनेस्को की वैश्विक धरोहरों में शुमार सुंदरबन डेल्टा राज्य के उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिलों में फैला है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों में कहा गया है कि 2016 में दुनियाभर में डूबकर 3,60,000 लोगों की मौत हुई, जिनमें से 50 प्रतिशत से अधिक संख्या 15 साल से कम आयु के बच्चों की थी।

इस बारे में जब राज्य के सुंदरबन मामलों के मंत्री मंटूराम पखीरा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके विभाग के पास ऐसे कोई आंकड़े नहीं हैं।

उन्होंने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हालांकि हम मामले को देखेंगे और समस्या पर ध्यान देने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे।’’


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PTI News Agency

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