निजी अस्पतालों में भर्ती होने के समय एक सीमा से अधिक शुल्क नहीं लिया जा सकता : पश्चिम बंगाल सरकार
punjabkesari.in Sunday, Aug 09, 2020 - 08:01 PM (IST)
कोलकाता, नौ अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार राज्य के निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती करते समय इलाज के अनुमानित खर्च से 20 प्रतिशत अधिक या अधिकतम पचास हजार रुपये से ज्यादा नहीं वसूल सकते।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
पश्चिम बंगाल चिकित्सकीय अधिष्ठान नियामक आयोग (डब्ल्यूबीसीईआरसी) ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि तत्काल शुल्क जमा न करने पर निजी अस्पताल मरीज को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते।
आयोग ने कहा, “सावधानीपूर्वक चर्चा और विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि मरीज को भर्ती करते समय अस्पतालों को इलाज की अनुमानित लागत से 20 प्रतिशत ज्यादा या अधिकतम 50 हजार रुपये से अधिक वसूल करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।”
अधिसूचना में कहा गया कि यदि मरीज भर्ती होने के समय शुल्क जमा नहीं कर पाता है तो अस्पताल उसे अस्थायी रूप से भर्ती करेगा और आवश्यक उपचार उपलब्ध कराएगा।
अधिसूचना में कहा गया कि भर्ती होने के 12 बारह घंटे के भीतर शुल्क जमा करना होगा और ऐसा न करने पर अस्पताल आगे इलाज करने से मना कर सकता है।
एक अन्य परामर्श में आयोग ने अस्पतालों से कहा कि रोगियों को रोजाना बिल के बारे में जानकारी दी जाए।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
पश्चिम बंगाल चिकित्सकीय अधिष्ठान नियामक आयोग (डब्ल्यूबीसीईआरसी) ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि तत्काल शुल्क जमा न करने पर निजी अस्पताल मरीज को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते।
आयोग ने कहा, “सावधानीपूर्वक चर्चा और विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि मरीज को भर्ती करते समय अस्पतालों को इलाज की अनुमानित लागत से 20 प्रतिशत ज्यादा या अधिकतम 50 हजार रुपये से अधिक वसूल करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।”
अधिसूचना में कहा गया कि यदि मरीज भर्ती होने के समय शुल्क जमा नहीं कर पाता है तो अस्पताल उसे अस्थायी रूप से भर्ती करेगा और आवश्यक उपचार उपलब्ध कराएगा।
अधिसूचना में कहा गया कि भर्ती होने के 12 बारह घंटे के भीतर शुल्क जमा करना होगा और ऐसा न करने पर अस्पताल आगे इलाज करने से मना कर सकता है।
एक अन्य परामर्श में आयोग ने अस्पतालों से कहा कि रोगियों को रोजाना बिल के बारे में जानकारी दी जाए।
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