कई पौंजी घोटाले सामने आने के बाद बंगाल में सूक्ष्मवित्त संस्थानों के लिये लाइसेंस लेना हुआ मुश्किल

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 08:35 PM (IST)

कोलकाता, 10 दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल में एक के बाद एक कई चिटफंड घोटालों के सामने आने के बाद राज्य में सूक्ष्मवित्त संस्थानों के लिये संबंधित विभागों से कारोबार लाइसेंस लेना मुश्किल हो गया है। राज्य में आठ सूक्ष्मवित्त संस्थान पंजीकृत हैं।
पश्चिम बंगाल की एसोसियेसन आफ माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस के सचिव कार्तिक विश्वास ने कहा, ‘‘सूक्ष्मवित्त संस्थानों को चाहे नगर निगम क्षेत्र हो या फिर पंचायत क्षेत्र सभी स्थानों पर नये कार्यालय खोलने के लिये संबंधित प्राधिकरणों से व्यापार लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है।’’
उन्होंने कहा कि स्थानीय प्राधिकरण सूक्ष्मवित्त संस्थानों को यह लाइसेंस देने में आनाकानी कर रहे हैं। राज्य में एक के बाद एक कई चिटफंड घोटाले सामने आने के बाद प्राधिकरण लाइसेंस देने को लेकर शंकित हो गये हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य की चिटफंड कंपनियों सारदा समूह और रोज वैल्ली समूह ने ऊंचे रिटर्न का वादा कर लाखों निवेशकों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया।
विश्वास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोगों के बीच इस बात को लेकर जागरुकता फैलाने की जरूरत है कि सूक्ष्मवित्त संस्थाना (एमएफआई) चिटफंड कंपनियां नहीं है और इन्हें एनबीएफसी- एमएफआई श्रेणी के तहत रिजर्व बैंक से मंजूरी प्राप्त होती है।’’
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एमएफआई क्षेत्र रिण वितरण के मामले में सालाना 30 से 35 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है। राज्य में एमएफआई क्षेत्र का 30,000 करोड़ रुपये का रिण बकाया है और इस क्षेत्र में 40 हजार के करीब लोग काम कर रहे हैं।




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PTI News Agency

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