कार्बेट और राजाजी बाघ अभयारण्य पर्यटकों के लिए अब साल भर खुले रहेंगे
punjabkesari.in Friday, Jun 25, 2021 - 10:33 PM (IST)
देहरादून, 25 जून (भाषा) उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश में स्थित विख्यात कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व अब पर्यटकों के लिए वर्ष भर खुले रहेंगे।
कुमांउ क्षेत्र में स्थित कार्बेट और गढवाल क्षेत्र में स्थित राजाजी टाइगर रिजर्व हर साल 30 जून से 15 नवंबर तक पर्यटकों के लिए बंद रहता है।
रावत ने बताया कि दोनों टाइगर रिजर्व (बाघ अभयारण्य)को वर्ष भर खुला रखने का निर्णय वन विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा कि टाइगर रिजर्व को वर्ष भर खोला जाना कोविड महामारी के कारण पिछले डेढ साल से अधिक समय से बुरी तरह से प्रभावित हुई विभाग की आमदनी को बढ़ाने की योजना का हिस्सा है।
मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य वन्यजीव प्रेमियों के लिए इको टूरिज्म जोन को खोलना तथा कोविड महामारी के समय आजीविका के ज्यादा विकल्प उपलब्ध कराना है।
हालांकि, वन्यजीव कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह निर्णय जानवरों के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि मानसून उनके लिए प्रजनन का समय होता है और पर्यटकों की भीड़ उन्हें परेशान कर सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति भी बन सकती है।
इस संबंध में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने कहा कि रिजर्व हालांकि वर्ष भर पर्यटकों के लिए खुले रहेंगे लेकिन पर्यटकों को उन्हीं क्षेत्रों में जाने की अनुमति होगी जहां जानवरों के जीवन के लिए खतरा न हो।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कुमांउ क्षेत्र में स्थित कार्बेट और गढवाल क्षेत्र में स्थित राजाजी टाइगर रिजर्व हर साल 30 जून से 15 नवंबर तक पर्यटकों के लिए बंद रहता है।
रावत ने बताया कि दोनों टाइगर रिजर्व (बाघ अभयारण्य)को वर्ष भर खुला रखने का निर्णय वन विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा कि टाइगर रिजर्व को वर्ष भर खोला जाना कोविड महामारी के कारण पिछले डेढ साल से अधिक समय से बुरी तरह से प्रभावित हुई विभाग की आमदनी को बढ़ाने की योजना का हिस्सा है।
मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य वन्यजीव प्रेमियों के लिए इको टूरिज्म जोन को खोलना तथा कोविड महामारी के समय आजीविका के ज्यादा विकल्प उपलब्ध कराना है।
हालांकि, वन्यजीव कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह निर्णय जानवरों के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि मानसून उनके लिए प्रजनन का समय होता है और पर्यटकों की भीड़ उन्हें परेशान कर सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति भी बन सकती है।
इस संबंध में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने कहा कि रिजर्व हालांकि वर्ष भर पर्यटकों के लिए खुले रहेंगे लेकिन पर्यटकों को उन्हीं क्षेत्रों में जाने की अनुमति होगी जहां जानवरों के जीवन के लिए खतरा न हो।
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