उत्तराखंड के चारों सरकारी मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 मरीजों के लिए रिजर्व रखा जायेगा
punjabkesari.in Tuesday, Mar 24, 2020 - 06:26 PM (IST)
देहरादून, 24 मार्च (भाषा) उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने मंगलवार को कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने के लिए प्रदेश के चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए आरक्षित रखने सहित कई निर्णय लिए।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेजों, देहरादून, हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोडा को मुख्य रूप से कोरोना के मरीजों के उपचार के लिये रखा जाएगा जबकि शेष विभागों को फिलहाल अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा।
इसके अलावा, श्रीनगर ,हल्द्वानी और दून मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्षों को आगामी तीन माह के लिये पदों के सापेक्ष इंटरव्यू द्वारा डॉक्टर की भर्ती करने का अधिकार भी दे दिया गया है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में 555 अस्थाई पदों के सापेक्ष विज्ञापित 314 पदों का इंटरव्यू चल रहा है जबकि शेष पदों पर भर्ती के लिये विज्ञापन निकालने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा, सृजित 958 रिक्त पदों के सापेक्ष 479 सर्जन को 11 माह के लिए रखने की अनुमति दी गयी है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के निजी अस्पतालों को भी जरूरत पड़ने पर कोविड-19 के मरीजों के लिए उपलब्ध कराने को तैयार रहने के निर्देश दिये गये हैं और उनके साथ लगातार इस विषय पर बैठकें हो रही हैं ।
उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने कोविड-19 के टेस्ट के लिये दो अन्य सेंटरों, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) और एम्स के लिये भी केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है । उन्होंने उम्मीद जतायी कि एक दो दिन में यह अनुमति मिल जायेगी ।
कौशिक ने बताया कि उधमसिंह नगर,हरिद्वार ,नैनीताल और देहरादून जनपदों के जिलाधिकारियों को तीन करोड़ रुपये और अन्य जनपदों के जिलाधिकारियों को दो करोड़ रुपये असंगठित मजदूरों तथा अन्य जरूरतमंद जनता की तात्कालिक मदद के लिये दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने गेहूं की खरीद मूल्य 1925 प्रति क्विंटल पर 20 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि करने का फैसला किया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेजों, देहरादून, हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोडा को मुख्य रूप से कोरोना के मरीजों के उपचार के लिये रखा जाएगा जबकि शेष विभागों को फिलहाल अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा।
इसके अलावा, श्रीनगर ,हल्द्वानी और दून मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्षों को आगामी तीन माह के लिये पदों के सापेक्ष इंटरव्यू द्वारा डॉक्टर की भर्ती करने का अधिकार भी दे दिया गया है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में 555 अस्थाई पदों के सापेक्ष विज्ञापित 314 पदों का इंटरव्यू चल रहा है जबकि शेष पदों पर भर्ती के लिये विज्ञापन निकालने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा, सृजित 958 रिक्त पदों के सापेक्ष 479 सर्जन को 11 माह के लिए रखने की अनुमति दी गयी है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के निजी अस्पतालों को भी जरूरत पड़ने पर कोविड-19 के मरीजों के लिए उपलब्ध कराने को तैयार रहने के निर्देश दिये गये हैं और उनके साथ लगातार इस विषय पर बैठकें हो रही हैं ।
उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने कोविड-19 के टेस्ट के लिये दो अन्य सेंटरों, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) और एम्स के लिये भी केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है । उन्होंने उम्मीद जतायी कि एक दो दिन में यह अनुमति मिल जायेगी ।
कौशिक ने बताया कि उधमसिंह नगर,हरिद्वार ,नैनीताल और देहरादून जनपदों के जिलाधिकारियों को तीन करोड़ रुपये और अन्य जनपदों के जिलाधिकारियों को दो करोड़ रुपये असंगठित मजदूरों तथा अन्य जरूरतमंद जनता की तात्कालिक मदद के लिये दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने गेहूं की खरीद मूल्य 1925 प्रति क्विंटल पर 20 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि करने का फैसला किया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।