तेलंगाना सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव अभियान तेज किया

punjabkesari.in Tuesday, Jul 19, 2022 - 07:59 PM (IST)

हैदराबाद, 19 जुलाई (भाषा) तेलंगाना के भद्राद्री-कोठागुडेम और अन्य जिलों के बाढ़ग्रस्त इलाकों में बाढ़ का पानी घटने के साथ लोगों को अब अपने घरों का सामान क्षतिग्रस्त होने समेत कई नयी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस बीच, राज्य सरकार ने स्वच्छता और अन्य राहत कार्यों को तेज कर दिया है।

राज्य के विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में घरों के अलावा खाद्य सामग्री जैसी आवश्यक वस्तुओं को काफी क्षति हुई है।

राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान, चावल, तेल और लाल चना जैसी आवश्यक वस्तुओं का वितरण और अन्य राहत गतिविधियों को शुरू किया है।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के निर्देशानुसार राज्य के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने मंगलवार को जिले में राहत और पुनर्वास उपायों की प्रगति पर भद्राद्री-कोठागुडेम जिले के जिलाधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक की।

विज्ञप्ति के मुताबिक राहत गतिविधियों की निगरानी के लिए प्रत्येक मंडल में एक वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त किया गया है और प्रत्येक गांव में चिकित्सा, बिजली एवं स्वच्छता विंग के साथ अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिले में 436 चिकित्सा शिविरों की व्यवस्था की गई है। अभी तक डेंगू या मलेरिया का कोई मामला सामने नहीं आया है।

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पंचायत राज और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ जिले में सभी राहत और पुनर्वास गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि लोगों ने राहत और पुनर्वास गतिविधियों पर सरकार के प्रयासों की सराहना की है।

इस बीच, तेलंगाना के मंत्री पुववाड़ा अजय ने कहा कि भद्राचलम शहर में लगातार बारिश के कारण बढ़ा गोदावरी नदी का जल स्तर अब घटने लगा है, हालांकि राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर अब भी खुले रखे हैं।

उन्होंने कहा कि नदी में बाढ़ का पानी एक या डेढ़ घंटे में कम हो जाएगा। यह खतरे के तीसरे निशान से नीचे आ जाएगा और इसके बाद भी वह लगातार घटता रहेगा।

अजय कुमार ने कहा, ‘‘ इससे पहले, गोदावरी में बाढ़ का जितना पानी आता था, उतना ही निकल जाता था। किन्तु इस बार पानी निकलने की गति धीमी रही। जैसा कि हमने पहले भी कहा था कि पोलावरम परियोजना के काम की वजह से तेलंगाना एक असहज स्थिति में है।’’
उन्होंने कहा कि इस बार पानी इसलिए धीमी गति से निकला क्योंकि आंध्र प्रदेश सरकार ने पोलावरम परियोजना के फाटकों को ठीक करना बंद कर दिया है। वहीं, उन सात मंडलों में भी पानी रोका जा सकता था, जिन्हें 2014 में तेलंगाना से पड़ोसी राज्य में स्थानांतरित कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि पोलावरम परियोजना का काम पूरा होने पर भद्राचलम में गोदावरी नदी में पानी की मात्रा हमेशा 45.5 फुट पर रहने की संभावना है।

मंत्री ने कहा, ‘‘ हमने पहले भी पोलावरम परियोजना की ऊंचाई कम करने की मांग की थी।’’
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह विशेषज्ञों के एक दल को भद्राचलम भेजेंगे, ताकि गोदावरी नदी के किनारे बांधों को मजबूत करने के लिए कुछ स्थायी सुझाव मिल सकें।



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