तेलंगाना में माओवादी महिला ने पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण
punjabkesari.in Tuesday, Jun 21, 2022 - 04:43 PM (IST)
हैदराबाद, 21 जून (भाषा) तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की क्षेत्रीय समिति की एक महिला सदस्य ने मंगलवार को पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस ने बताया कि 25 वर्षीय यह महिला 2015 में माओवादी पार्टी में शामिल हुई थी और 2020 में मनुगुरु क्षेत्र की एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम) के रूप में पदोन्नत हुई थी। वह पिछले सात वर्षों से संगठन के लिए ''दलम'' की ड्यूटी कर रही है।
भद्राद्री कोठागुडेम जिले के पुलिस अधीक्षक सुनील दत्त ने एक बयान में कहा कि जब महिला को अपने क्षेत्र में हो रही विकास गतिविधियों के बारे में पता चला तो उसने शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए पार्टी छोड़ने का फैसला किया।
बयान के अनुसार, वह महिला माओवादी पार्टी की विचारधारा से तंग आ गयी थी, और दल के गैर-आदिवासी नेता उसके साथ कथित तौर पर भेदभाव कर रहे थे।
पार्टी में एक डिवीजन समिति सदस्य (डीसीएम) कैडर द्वारा उसे परेशान किया गया था, जो उसे शादी करने के लिए कथित तौर पर मजबूर कर रहा था।
दत्त ने बताया कि चेरला और सीमावर्ती इलाकों में माओवादी पार्टी के लिए समर्थन में कमी, गरीब आदिवासी लोगों से जबरन वसूली, निर्दोष आदिवासी युवाओं की भर्ती और अवैध गतिविधियों के लिए उनका इस्तेमाल उसके आत्मसमर्पण के अन्य कारणों में से थे।
बता दें कि पुलिस अधीक्षक ने माओवादी पार्टी के सभी नेताओं और सदस्यों से एक सुरक्षित और बेहतर सामाजिक जीवन जीने के लिए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की अपील की है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पुलिस ने बताया कि 25 वर्षीय यह महिला 2015 में माओवादी पार्टी में शामिल हुई थी और 2020 में मनुगुरु क्षेत्र की एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम) के रूप में पदोन्नत हुई थी। वह पिछले सात वर्षों से संगठन के लिए ''दलम'' की ड्यूटी कर रही है।
भद्राद्री कोठागुडेम जिले के पुलिस अधीक्षक सुनील दत्त ने एक बयान में कहा कि जब महिला को अपने क्षेत्र में हो रही विकास गतिविधियों के बारे में पता चला तो उसने शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए पार्टी छोड़ने का फैसला किया।
बयान के अनुसार, वह महिला माओवादी पार्टी की विचारधारा से तंग आ गयी थी, और दल के गैर-आदिवासी नेता उसके साथ कथित तौर पर भेदभाव कर रहे थे।
पार्टी में एक डिवीजन समिति सदस्य (डीसीएम) कैडर द्वारा उसे परेशान किया गया था, जो उसे शादी करने के लिए कथित तौर पर मजबूर कर रहा था।
दत्त ने बताया कि चेरला और सीमावर्ती इलाकों में माओवादी पार्टी के लिए समर्थन में कमी, गरीब आदिवासी लोगों से जबरन वसूली, निर्दोष आदिवासी युवाओं की भर्ती और अवैध गतिविधियों के लिए उनका इस्तेमाल उसके आत्मसमर्पण के अन्य कारणों में से थे।
बता दें कि पुलिस अधीक्षक ने माओवादी पार्टी के सभी नेताओं और सदस्यों से एक सुरक्षित और बेहतर सामाजिक जीवन जीने के लिए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की अपील की है।
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